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{| cellspacing="0" cellpadding="5" border="1"
 
|-
 
| valign="top" height="44" bgcolor="#ffe4ca" colspan="2" | <br>
 
| width="128" valign="top" bgcolor="#ffe4ca" | 1.मंत्र-संहिता <br>(कुल 4)
 
| width="220" valign="top" bgcolor="#ffe4ca" | 2. शाखा <br>(कुल 1131, 13 उपलब्ध)
 
| width="252" valign="top" bgcolor="#ffe4ca" | 3. ब्राह्मण-ग्रन्थ <br>(कुल 1131, उपलब्ध 14)
 
| width="149" valign="top" bgcolor="#ffe4ca" | 4. आरण्यक <br>(उपलब्ध 6)
 
| width="241" valign="top" bgcolor="#ffe4ca" | 5. उपनिषद <br>(कुल 1131, उपलब्ध 108)
 
| width="160" valign="top" bgcolor="#ffe4ca" | 6. सूत्र-ग्रन्थ <br>(उपलब्ध 43)
 
| width="260" valign="top" bgcolor="#ffe4ca" | 7. प्रातिसाख्य एवं अनुक्रमणिका <br>(उपलब्ध 16)
 
|-
 
| width="48" valign="top" height="115" bgcolor="#ffddcc" | Ι. ऋग्वेद
 
| width="136" valign="top" bgcolor="#ffddcc" | <br>
 
| width="128" valign="top" bgcolor="#ffddcc" | ऋग्वेद मन्त्र-संहिता
 
| width="220" valign="top" bgcolor="#ffddcc" | शाकल शाखा
 
| width="252" valign="top" bgcolor="#ffddcc" | ऐतरेय ब्राह्मण&nbsp;&nbsp;&nbsp; <br>कौषीतकि ब्राह्मण&nbsp;
 
| width="149" valign="top" bgcolor="#ffddcc" | ऐतरेय आरण्यक कौषीतकि आरण्यक
 
| width="241" valign="top" bgcolor="#ffddcc" |
 
ऐतरेय उपनिषद <br>आत्मबोध उपनिषद <br>कौषीतकि उपनिषद <br>निर्वाण उपनिषद <br>सौभाग्यलक्ष्मी उपनिषद <br>अक्षमालिक उपनिषद <br>भवऋचा उपनिषद <br>मुदगल उपनिषद <br>त्रिपुरा उपनिषद
 
  
<br>
 
 
| width="160" valign="top" bgcolor="#ffddcc" | आश्वलायन श्रौतसूत्र <br>शांखायन श्रौतसूत्र <br>आश्वलायन गृह्यसूत्र <br>शांखायन गृह्यसूत्र&nbsp;&nbsp;&nbsp; <br>वसिष्ठ धर्मसूत्र
 
| width="260" valign="top" bgcolor="#ffddcc" |
 
शांखायन प्रातिशाख्य <br>बृहद प्रातिशाख्य <br>आर्षानुक्रमणिका <br>आश्वलायन प्रातिशाख्य <br>छन्दोनुक्रमणिका <br>ऋग्प्रातिशाख्य <br>देवतानुक्रमणिका <br>सर्वानुक्रमणिका <br>अनुवाकानुक्रमणिका <br>बृहद्वातानुक्रमणिका&nbsp;&nbsp;&nbsp; <br>ऋग् विज्ञान
 
 
|-
 
| width="48" height="693" bgcolor="#dcdcba" rowspan="2" | ΙΙ. यजुर्वेद
 
| width="136" valign="top" height="114" bgcolor="#dcdcba" | अ.शुक्लजयुर्वेद
 
| width="128" valign="top" bgcolor="#dcdcba" | यजुर्वेद मन्त्र- संहिता
 
| width="220" valign="top" bgcolor="#dcdcba" | काण्व, माध्यन्दिन
 
| width="252" valign="top" bgcolor="#dcdcba" | शतपथब्राह्मण या काण्वब्राह्मण&nbsp;&nbsp; <br>शतपथ (माध्यन्दिन) ब्राह्मण
 
| width="149" valign="top" bgcolor="#dcdcba" | <br>
 
| width="241" valign="top" bgcolor="#dcdcba" | अध्यात्म <br>आद्यैतारक<br>भिक्षु<br>बृहदारण्यक<br>ईशावस्य<br>हंस<br>जाबाल<br>मंडल ब्राह्मण<br>मंत्रिका<br>मुक्तिका<br>निरालम्बा<br>पैंगल<br>परमहंस<br>सत्यायनी<br>सुबाला<br>तारासार<br>त्रिशिखिब्राह्मण<br>तूरीयातीतयाज्ञवल्क्य
 
| width="160" valign="top" bgcolor="#dcdcba" | कात्यायन श्रोतसूत्र<br>पारस्कर श्रौतसूत्र<br>विष्णु धर्मसूत्र<br>पारस्कर गृह्यसूत्र
 
| width="260" valign="top" bgcolor="#dcdcba" | कात्यायन शुल्वसूत्र<br>कात्यायनुक्रमणिका<br>वाजसनेयि प्रातिशाख्य
 
|-
 
| width="136" valign="top" height="328" bgcolor="#dcdcba" | ब. कृष्णयजुर्वेद
 
| width="128" valign="top" bgcolor="#dcdcba" | <br>
 
| width="220" valign="top" bgcolor="#dcdcba" | तैत्तिरीय<br>मैत्रायणी<br>कठ<br>कपिष्ठल<br>श्वेताश्वतर
 
| width="252" valign="top" bgcolor="#dcdcba" | तैत्तिरीय ब्राह्मण<br>मध्यवर्ती ब्राह्मण
 
| width="149" valign="top" bgcolor="#dcdcba" | तैत्तिरीय आरण्यक<br>कठ आरण्यक<br>मैत्रायणीय आरण्यक
 
| width="241" valign="top" bgcolor="#dcdcba" | अक्षि<br>अमृतबिन्दु<br>अमृतनाद<br>अवधूत<br>ब्रह्म<br>ब्रह्मविद्या<br>दक्षिणामूर्त<br>ध्यानबिन्दू<br>एकाक्षर<br>गर्भ<br>कैवल्य<br>कालाग्निरुद्र<br>कर<br>कठ<br>क्षुरिकोपनिषद<br>नारायणो<br>पंचब्रह्म<br>प्राणाग्निहोत्र<br>रुद्रहृदय<br>सरस्वतीरहस्य<br>सर्वासार<br>शारीरिकोपनिषद<br>स्कन्द<br>शुकरहस्य<br>श्वेताश्वतरोपनिषद<br>तैत्तिरीयोपनिषद<br>तेजोबिन्दु<br>वराहोपनिषद<br>योगकुण्डलिनी<br>योगशिखा<br>योगतत्त्व<br>कलिसंतरणोपनिषद
 
| width="160" valign="top" bgcolor="#dcdcba" | आपस्तम्ब श्रौतसूत्र<br>आपस्तम्बगृह्यसूत्र<br> हिरण्यकेशीय श्रौतसूत्र<br> बौधायन गृह्यसूत्र<br>बौधायन श्रौतसूत्र<br>वैखानस गृह्यसूत्र<br>भरद्वज श्रौतसूत्र<br> हिरण्यकेशीय गृह्यसूत्र<br> वैखानस श्रौतसूत्र<br>मानव धर्म-सूत्र<br>बाधूल श्रौतसूत्र<br>काठक धर्मसूत्र<br>आपस्तम्व धर्मसूत्र<br>वराह श्रौतसूत्र<br>बौधायन धर्मसूत्र<br>मानव गृह्यसूत्र<br>वैखानस धर्मसूत्र<br>काठक गृह्यसूत्र<br>हिरण्यकेशीय धर्मसूत्र
 
| width="260" valign="top" bgcolor="#dcdcba" | तैत्तिरीय प्रातिशाख्य
 
|- bgcolor="#ebd7ff"
 
| width="48" height="185" | ΙΙΙ. सामवेद
 
| width="136" | <br>
 
| width="128" valign="top" | सामवेद मन्त्र-संहिता
 
| width="220" valign="top" | कौथुमी<br>जैमिनीय<br>राणायनीय
 
| width="252" valign="top" | ताण्ड्य ब्राह्मण<br>षडविश ब्राह्मण<br>सामविधान ब्राह्मण<br>आर्षेय ब्राह्मण<br>मंत्र ब्राह्मण<br>देवताध्यानम् ब्राह्मण<br>वंश ब्राह्मण<br>संहितोपनिषद ब्राह्मण<br>जैमिनीय ब्राह्मण<br>जैमिनीय उपनिषद ब्राह्मण
 
| width="149" valign="top" | तलवकार आरण्यक
 
| width="241" valign="top" | आरुणि उपनिषद<br>दर्शनोपनिषद<br>जाबालदर्शनोपनिषद<br>जाबालि उपनिषद<br>केनोपनिषद<br> महात्संन्यासोपनिषद<br> मैत्रेयीउपनिषद<br> मैत्रायणी उपनिषद<br> अव्यक्तोपनिषद<br> छान्दोग्योपनिषद<br> रुद्राक्षजाबालोपनिषद<br> सावित्र्योपनिषद<br> वज्रसूचिकोपनिषद<br> वासुदेवोपनिषद<br> चूड़ामणि उपनिषद
 
| width="160" valign="top" | मसकसूत्र<br> लाट्यायन सूत्र<br> खदिर श्रौतसूत्र<br> जैमिनीय गृह्यसूत्र<br> गोभिल गृह्यसूत्र<br> खदिर गृह्यसूत्र<br> गौतम धर्मसूत्र<br> द्राह्यायण गृह्यसूत्र<br>द्राह्यायण धर्मसूत्र
 
| width="260" valign="top" | <br>
 
|-
 
| width="48" height="222" bgcolor="#cbe4e4" | ΙV. अथर्ववेद
 
| width="136" bgcolor="#cbe4e4" | <br>
 
| width="128" valign="top" bgcolor="#cbe4e4" | अथर्ववेद मन्त्र-संहिता
 
| width="220" valign="top" bgcolor="#cbe4e4" | पैप्पलाद, शौनकीय
 
| width="252" valign="top" bgcolor="#cbe4e4" | गोपथ ब्राह्मण
 
| width="149" valign="top" bgcolor="#cbe4e4" | <br>
 
| width="241" valign="top" bgcolor="#cbe4e4" | अन्नपूर्णा<br> अथर्वशिरा<br> अथर्वशिखा<br> आत्मोपनिरूषद<br> भावनोपनिषद<br> भस्मोपनिषद<br> बृहज्जाबालोपनिषद<br> देवी<br> दत्तात्रेय<br> गणपति<br> गरुडोपनिषद<br> गोपालतापनी<br> ह्यग्रीव<br> कृष्ण<br> महानारायण<br> माण्ड्क्य<br> महावाक्य<br> मुण्डकोपनिषद<br> नारदपरिक्रजक<br> नृसिंहतापनी<br> परब्रह्म<br> परमहंस परिव्राजक<br> पशुपत<br> रामतापनीय<br> शाण्डिल्य<br> शरभ<br> सूर्य<br> सीता<br> राम-रहस्य<br> त्रिपुरातापिन्युपनिषद
 
| width="160" valign="top" bgcolor="#cbe4e4" | वैतान श्रौतसूत्र<br>कौशिक गृह्यसूत्र<br>वराह गृह्यसूत्र<br>वैखानस गृह्यसूत्र
 
| width="260" valign="top" bgcolor="#cbe4e4" | शौनकीया चतुर्ध्यापिका
 
|}
 

१०:०८, ११ फ़रवरी २०११ के समय का अवतरण