"महाभारत" के अवतरणों में अंतर
Vikramaditya (चर्चा | योगदान) |
Vikramaditya (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
==महाभारत== | ==महाभारत== | ||
− | + | [[en:Mahabharata]] | |
महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति [ स्मृति हिन्दू धर्म के उन धर्मग्रन्थों का समूह है जिनकी मान्यता श्रुति से नीची श्रेणी की हैं और जो मानवों द्वारा उत्पन्न थे । इनमें वेद नहीं आते ] वर्ग में आता है । कभी कभी सिर्फ़ भारत कहा जाने वाला यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है । हिन्दू धर्म का यह मुख्यतम ग्रंथों में से एक है । यह विश्व का सबसे लंबा साहित्यिक ग्रंथ है. हालाँकि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कॄतियों में से एक माना जाता है किन्तु आज भी यह प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है. यह कॄति हिन्दुओं के इतिहास की एक गाथा है. पूरे महाभारत में एक लाख श्लोक हैं । विद्वानों ने महाभारत काल को लेकर विभिन्न मत है फिर भी अधिकतर विद्वान महाभारत काल को लौहयुग से जोड्ते हैं । अनुमान किया जाता है कि महाभारत में वर्णित कुरुवंश बारह सौ से आठ सौ ईसा पूर्व के दौरान शक्ति में रहा होगा । पौराणिक मान्यता को देखे तो पता लगता है कि अर्जुन के पोते (पुत्र के पुत्र) परीक्षित और महापद्मनन्द का काल 382 ईसा पूर्व ठहरता हैं । | महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति [ स्मृति हिन्दू धर्म के उन धर्मग्रन्थों का समूह है जिनकी मान्यता श्रुति से नीची श्रेणी की हैं और जो मानवों द्वारा उत्पन्न थे । इनमें वेद नहीं आते ] वर्ग में आता है । कभी कभी सिर्फ़ भारत कहा जाने वाला यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है । हिन्दू धर्म का यह मुख्यतम ग्रंथों में से एक है । यह विश्व का सबसे लंबा साहित्यिक ग्रंथ है. हालाँकि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कॄतियों में से एक माना जाता है किन्तु आज भी यह प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है. यह कॄति हिन्दुओं के इतिहास की एक गाथा है. पूरे महाभारत में एक लाख श्लोक हैं । विद्वानों ने महाभारत काल को लेकर विभिन्न मत है फिर भी अधिकतर विद्वान महाभारत काल को लौहयुग से जोड्ते हैं । अनुमान किया जाता है कि महाभारत में वर्णित कुरुवंश बारह सौ से आठ सौ ईसा पूर्व के दौरान शक्ति में रहा होगा । पौराणिक मान्यता को देखे तो पता लगता है कि अर्जुन के पोते (पुत्र के पुत्र) परीक्षित और महापद्मनन्द का काल 382 ईसा पूर्व ठहरता हैं । |
०७:२३, १२ मई २००९ का अवतरण
महाभारत
महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है, जो स्मृति [ स्मृति हिन्दू धर्म के उन धर्मग्रन्थों का समूह है जिनकी मान्यता श्रुति से नीची श्रेणी की हैं और जो मानवों द्वारा उत्पन्न थे । इनमें वेद नहीं आते ] वर्ग में आता है । कभी कभी सिर्फ़ भारत कहा जाने वाला यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है । हिन्दू धर्म का यह मुख्यतम ग्रंथों में से एक है । यह विश्व का सबसे लंबा साहित्यिक ग्रंथ है. हालाँकि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कॄतियों में से एक माना जाता है किन्तु आज भी यह प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है. यह कॄति हिन्दुओं के इतिहास की एक गाथा है. पूरे महाभारत में एक लाख श्लोक हैं । विद्वानों ने महाभारत काल को लेकर विभिन्न मत है फिर भी अधिकतर विद्वान महाभारत काल को लौहयुग से जोड्ते हैं । अनुमान किया जाता है कि महाभारत में वर्णित कुरुवंश बारह सौ से आठ सौ ईसा पूर्व के दौरान शक्ति में रहा होगा । पौराणिक मान्यता को देखे तो पता लगता है कि अर्जुन के पोते (पुत्र के पुत्र) परीक्षित और महापद्मनन्द का काल 382 ईसा पूर्व ठहरता हैं ।