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[[महाभारत]] काल में [[पंचाल]] राज्य उत्तरी तथा दक्षिणी पंचाल के नाम से दो भागों में विभाजित हो गया। [[गंगा]] नदी इन दोनों को अलग - अलग करती थी। दक्षिण पंचाल की राजधानी काम्पिल्य ( वर्तमान फर्रूखाबाद जिला ) थी तथा उत्तरी पंचाल की राजधानी अहिच्छत्रा थी। इस नगर के ध्वंसावशेष बरेली जनपद की आँबला तहसील के ग्राम रामनगर के निकट अब तक मौजूद है।
  

१२:५२, ५ जून २००९ का अवतरण

कांपिल्य और अहिच्छत्रा

महाभारत काल में पंचाल राज्य उत्तरी तथा दक्षिणी पंचाल के नाम से दो भागों में विभाजित हो गया। गंगा नदी इन दोनों को अलग - अलग करती थी। दक्षिण पंचाल की राजधानी काम्पिल्य ( वर्तमान फर्रूखाबाद जिला ) थी तथा उत्तरी पंचाल की राजधानी अहिच्छत्रा थी। इस नगर के ध्वंसावशेष बरेली जनपद की आँबला तहसील के ग्राम रामनगर के निकट अब तक मौजूद है।

छठी शताब्दी ई०पू० में पांचाल की गणना सोलह महाजनपदों में की जाती थी। यही पांचाल जनपद मध्यकाल से रुहेलखण्ड नाम से जाना जाता है। वर्तमान समय में रुहेलखण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत उ ० प्र० के मुरादाबाद, रामपुर ,बरेली, बदायूँ , पीलीभीत तथा शाहजहाँपुर जनपद आते हैं  जो बरेली व मुरादाबाद दो कमिश्नरी (मण्डल)में बटे हैं।

महाभारत में वर्णित विवरणों के अनुसार शांतनु के समय पंचाल का राजा द्वीभठ था जिसके पौत्र राजा द्रुपद ने पंचाल राज्य पर राज्य किया तथा अहिच्छत्रा को अपना राजधानी बनाया, किन्तु द्रोणाचार्य से शत्रुता हो जाने पर द्रोण ने राजा द्रुपद को पराजित कर उत्तरी पंचाल को अपने अधीन कर लिया तथा दक्षिण पंचाल द्रुपद को दे दिया । द्रुपद की पुत्री द्रौपदी का स्वयंवर कांम्पिल्य में हुआ जो दक्षिण पंचाल की राजधानी थी। महाभारत युद्ध में उत्तरी पंचाल ने पाण्डवों का साथ दिया तथा युद्ध के उपरांत भीम ने अपना विजय यात्रा पंचाल प्रदेश से ही प्रारम्भ की तथा कौशल , अयोध्या , काशी अंग , चेदि और मत्स्य राज्यों को अपने अधीन किया था [१]। महाभारत युद्ध के पश्चात पंचाल पर पाण्डवों के वंशज तथा बाद में नाग राजाओं का अधिकार रहा ।



टीका-टिप्पणी

  1. ( महाभारत सभा पर्व ,अ०-14 )