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०९:५९, १३ फ़रवरी २०१० का अवतरण
मौखरि वंश / Maukhari Dynasty
मौखरि वंश का शासन उत्तर गुप्तकाल के पतन के बाद स्थापित हुआ था। गया ज़िले के निवासी मौखरि लोग जो चक्रवर्ती गुप्त राजवंश के समय उत्तर गुप्तवंश के लोगों की तरह सामन्त थे। मौखरि वंश के लोग उत्तर प्रदेश के कन्नौज में तथा राजस्थान के बड़वा क्षेत्र में तीसरी सदी में फैले हुए थे। मौखरि वंश के शासकों को उत्तर गुप्त वंश के चौथे शासक कुमारगुप्त के साथ युद्ध हुआ था जिसमें ईशानवर्मा ने मौखरि वंश से मगध को छीन लिया था। मौखरि वंश के सामन्त ने अपनी राजधानी कन्नौज बनाई। कन्नौज का प्रथम मौखरि वंश का सामन्त हरिवर्मा था। उसने 510 ई. में शासन किया था। उसका वैवाहिक सम्बन्ध उत्तरवंशीय राजकुमारी हर्षगुप्त के साथ हुआ था। ईश्वरवर्मा का विवाह भी उत्तर गुप्तवंशीय राजकुमारी उपगुप्त के साथ हुआ था। यह कन्नौज तक ही सीमित रहा। यह राजवंश तीन पीढ़ियों तक चलता रहा हरदा लेख से स्पष्ट होता है कि सूर्यवर्मा ईशानवर्मा का छोटा भाई था। अवंतिवर्मा सबसे शक्तिशाली तथा प्रतापी राजा था। इसके बाद मौखरि वंश का अन्त हो गया।