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खजाना-गारद विद्रोह पथ पर

29 मई को मैं छाता पहुँचा । शाम को डैशवुड, काल्विन, गिबन और ज्वायस (मेरा हैडक्लर्क ) छाता पहुँचे । उन्होंने मुझे खजाने के विद्रोह को सूचना दी । यह गारद आगरा से आई दूसरी टुकड़ी ने कायमुक्त कर दी थी । उनकी ही निगरानी में खजाने को आगरा पहुँचाने के आदेश आ चुके थे । आगे जो घटा वह पहले ही विस्तार से लिखा जा चुका है । मैंने अनुमान लगाया कि विद्रोही अलीगढ़ की ओर कूँच रहे हैं किन्तु सावधानी के उद्देश्य से मैंने कुछ सवार मथुरा मार्ग पर गुप्त जानकारी के लिये भेजे ।लगभग दो घन्टे में वह यह सूचना लेकर लौटे कि विद्रोही पहुँच रहे हैं ।

रघुनाथ सिंह की अनुशासन हीनता हम तत्काल कप्तान निक्सन के कैम्प को चल दिये । कोसी से गुजरते हुए मैंने रघुनाथ सिंह को बुलाया । उसने आने से इन्कार कर दिया । कैम्प में मुझे घुसने तक न दिया और न सेठ की तोपें ही दीं । हम निक्सन के कैम्प में उषाकाल में पहुँचे । निक्सन ने विद्रोहियों के पहुँचने के समाचार का विश्वास नहीं किया । फिर भी उसने एक टुकड़ी विद्रोहियों के खिलाफ भेज दी । नौ बजे समाचार की पुष्टि हुई । विद्रोही कोसी पहुँच रहे थे । निक्सन ने उनसे निपटने की तैयारी की । इस पर सारी सेना के सैनिक विद्रोह पर उतर आये और उन्होंने अपनी बन्दूकें हम पर तान दी तब निक्सन ने हमें भाग जाने को कहा । बाकी फिरंगी आपके साथ सोनाह की ओर चल दिये । मैं और ज्वायस मथुरा लौट आये । हम सवेरे 3 बजे मथुरा आ लगे । हमने छावनी को भस्म और सनुसान पाया । सहायता पाने की आशा में हम आगरा को चल दिये । विद्रोह की खबर आनन फानन में चारों तरफ फैल गई और सारा का सारा क्षेत्र एक साथ शासन के विरूद्ध खड़ा हो गया । कई गांवों से हम पर गोलियां दागी गई और हम बाल-बाल ही बच पाये ।

फिरंगी मथुरा लौटे आगरा से हमें कोई भी सहायता न मिली और हम शाम तक मथुरा वापिस लौट आये । हम शहर में सेठ ही हवेली में गये । वहां सेठ ने हमारा कृपापूर्ण स्वागत किया । हमें वहाँ हैशमेन दम्पती मिले । हम शाम को वहाँ पहुँचे मैं कार्यालय पहुँचा तो मैने उसे भस्म पाया । बर्ल्टन की लाश मुझे वहीं परिसर झाड़ियों में मिली । हमने उसे यथा अवसर दफनाया । अनेक सूत्रों से मैंने समाचार एकत्र किये और उनकी जाँच पड़ताल सावधानी से की । खजाना लद जाने पर बर्ल्टन ने कूँच का आदेश दिया । इस पर सैनिक ने उसे मार डाला और खजाने की गाड़ियाँ दिल्ली की ओर चल दीं । 3 जून की शाम को आगरा से लौटने पर मैंने लूटे गये सामान की खोज की । लुटेरों को खोजा। परिणामत: लूट के माल का एक अच्छा खासा हिस्सा टूटी फूटी दशा में मिल गया । कुछ लुटेरों को भी धर दबोचा गया ।

कचहरी पर हमला शासन की सूचनार्थ यह भी निवेदन है कि विद्रोहियों ने सहार और कोसी की कचहरियों को भी लूट लिया और रिकार्ड जला डाले गये । कोसी दिल्ली मार्ग पर है और कुछ दिन पूर्व सुरक्षा के उद्देश्य से मैने सहार तहसील छाता से कोसी स्थानान्तरित कर दी थी । सदर-कचहरी के पास ही हजूर तहसील के रिकार्ड रख दिये गये थे । एक भागे हुए तहसील के चपरासी से आज सूचना मिली है कि बीती कल नौहझील की कचहरी भी लूट ली गई और असंख्य बलबाइयों द्वारा उनके भी रिकार्ड जला डाले गये । राया का थाना भी फूँक डाला गया है और ग्रामीणों में उसके रिकार्ड भी फूँक डाले हैं ।

प्रशासन लकवा ग्रस्त उक्त विवरण से आपको यह भली भाँति महसूस हो रहा होगा कि जिले में मथुरा, वृन्दावन और कुछ दूसरे शहरों को छोड़कर कहीं शासन नाम की कोई वस्तु नहीं रह गई । कानून को लकवा मार गया है । अपराधियों के खिलाफ किसी प्रकार की भी कार्यवाही का क्रियान्वयन अव्यावहारिक हो गया है । शासन के अफसर अपने कर्तव्य पालन में असहाय है । अन्त में मुझे कहना है कि मेरा कार्यालय अस्थायी रूप से सेठों के शहर स्थित भवन में चल रहा है और अत्यन्त अपरिहार्य काम ही यहाँ से चलाया जा सकता है ।

देवीसिंह ने स्वयं को राया का राजा घोषित किया

थाना राया के बरकन्दाज दिलदार खाँ का बयान- पिता का नाम- सेर खाँ पठान । आयु 60 वर्ष । आगरा का निवासी । व्यवसाय नौकरी।

प्रश्न- उस समय नेता कौन था, जब सहार के निवासी लालजी आदि तथा चौदह तरफ राया के जमींदारों ने राया थाना और सिपाहियों तथा थाने के सामान को लूटा । उत्तर- चौदह तरफ राया के जमींदारों ने एक हजार आदमी लेकर मुकीम पड़ाव थी तथा कस्बे और बाजार के निवासियों के नमक और चने से लदी बैल गाड़ियों को लूट लिया । देवी सिंह ने स्वयं को राजा घोषित किया और वह वहाँ जम बैठा । उसने आठ दिन तक थाने का घिराव रखा था । तब उसने कास्टेबिलों पर तथा थाने के रिकार्डस पर हमला किया । तब हम सब अर्थात् कान्स्टेबिलों को साथ लेकर थानेदार भाटगंज चला गया । मैंने देखा कि वे असंख्य आदमी थे । उनके नाम मुझे याद नहीं हैं, हाँ, यदि मैं उन्हें देखूँ तो पहचान सकता हूँ । जब मजिस्ट्रेट आये तो उन्होंने श्रीराग और देवींसिह को फाँसी पर लटका दिया और थाना फिर से कायम किया