जुगल किशोर आचार्य स्वतंत्रता सेनानी
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श्री जुगल किशोर आचार्य / Jugul Kishore(Acharya)
आत्मज श्री प्रभू दयाल।
वृन्दावन, मथुरा।
नमक सत्याग्रह आन्दोलन के दौरान सन 1930 में एक जत्था लेकर आगरा गये और जेल की सजा पायी।
सविनय अवज्ञा आन्दोलन में भाग लेने के कारण सन 1932 मे 1 वर्ष का कारावास और 100 रुपये जुर्माना हुआ।
व्यक्तिगत सत्याग्रह आन्दोलन में भाग लेने के कारण सन 1940 में 1 वर्ष का कारावास का दण्ड मिला।
सन 1942 में गिरफ़्तार हुए और नजरबन्द कर लिये गये।
उत्तर-प्रदेश मन्त्रिमंडल के सदस्य और लखनऊ तथा कानपुर विश्वविद्यालय के उपकुलपति रहे।