अफ़ग़ानिस्तान

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अफ़ग़ानिस्तान / Afghanistan

अफ़ग़ानिस्तान या अफ़ग़ान इस्लामिक गणराज्य जंबूद्वीप (एशिया) का एक देश है । यह दक्षिणी मध्य एशिया में अवस्थित देश है जो चारो ओर से जमीन से घिरा हुआ है । प्रायः इसकी गिनती मध्य एशिया के देशों में होती है पर देश में लगातार चल रहे संघर्षों ने इसे कभी मध्य पूर्व तो कभी दक्षिण एशिया से जोड़ दिया है । इसके पूर्व में पाकिस्तान, उत्तर पूर्व में कश्मीर तथा चीन, उत्तर में ताजिकिस्तान, कज़ाकस्तान तथा तुर्कमेनिस्तान तथा पश्चिम में ईरान है ।


अफ़ग़ानिस्तान का नाम अफ़ग़ान और स्तान से मिलकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है अफ़गानों की भूमि । स्तान इस क्षेत्र के कई देशों के नाम में है जैसे - पाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कज़ाख़स्तान, हिन्दुस्तान इत्यादि जिसका अर्थ है भूमि या देश । अफ़ग़ान का अर्थ यहां के सबसे अधिक वसित नस्ल (पश्तून) को कहते है ।


अफ़ग़ानिस्तान कई सम्राटों, आक्रमणकारियों तथा विजेताओं की कर्मभूमि रहा है । इनमें सिकन्दर,फारसी शासक दारा प्रथम, तुर्क,मुगल शासक बाबर, मुहम्मद गौरी, नादिरशाह इत्यादि के नाम प्रमुख हैं । अफ़ग़ानिस्तान आर्यों की पुरातन भूमि है । ईसा के १८०० साल पहसे आर्यों का आगमन इस क्षेत्र में हुआ । ईसा के ७०० साल पहव इसके उत्तरी क्षेत्र मे गांधार महाजनपद था जिसेक बारे में भारतीय स्रोत महाभारत तथा अन्य ग्रंथों में वर्णन मिलता है । यह महाभारत काल में गांधार महाजनपद था । कौरवों की माता गान्धारी और प्रसिध्द मामा शकुनि गांधार के ही थे । वेदों में वर्णित सोमरस का पौधा जिसे सोम कहते हैं अफगानिस्तान की पहाड़ियों पर ही पाया जाता है । सिकन्दर के फारस विजय अभियान के तहते अफ़गानिस्तान भी यूनानी साम्राज्य का अंग बन गया । इसके बाद यह शकों के शासन में आए । हिन्दी-यूनानी,हिन्दी-यूरोपीय, हिन्दी-ईरानी शासकों के यहाँ वर्चस्व को लेकर यहाँ झगड़े भी हुए और उन्होंने यहाँ शासन भी किया । भारतीय मौर्य, शुंग, कुषाण आदि शासकों ने यहाँ शासन किया । मौर्य और कुषाणों ने यहाँ बुद्धधर्म का प्रचार, प्रसार किया । काम्बोज, पश्तो और बैक्ट्रिया का शासन यहाँ रहा ।


शक स्कीथियों के भारतीय अंग थे । ईसापूर्व २३० में मौर्य शासन के तहत अफ़गानिस्तान का संपूर्ण इलाका आ चुका था पर मौर्यों का शासन अधिक दिनों तक नहीं रहा। इसके बाद पार्थियन और फ़िर सासानी शासकों ने फ़ारस में केन्द्रित अपने साम्राज्यों का हिस्सा इसे बना लिया । सासनी वंश इस्लाम के आगमन से पूर्व का आखिरी ईरानी वंश था । अरबों ने ख़ोरासान पर सन् ७०७ में अधिकार कर लिया । सामानी वंश, जो फ़ारसी मूल के पर सुन्नी थे, ने ९८७ इस्वी में अपना शासन गजनवियों को खो दिया जिसके फलस्वरूप लगभग संपूर्ण अफ़ग़ानिस्तान ग़ज़नवियों के हाथों आ गया ।


ग़ोर के शासकों ने गज़नी पर ११८३ में अधिकार कर लिया । मध्यकाल में कई अफ़ग़ान शासकों ने दिल्ली की सत्ता पर अधिकार किया या करने का प्रयत्न किया जिनमें लोदी वंश का नाम प्रमुख है । इसके अलावा भी कई मुस्लिम आक्रमणकारियों ने अफगानशाहों की मदद से हिन्दुस्तान पर आक्रमण किया था जिसमें बाबर, नादिरशाह तथा अहमदशाह अब्दाली शामिल है । अफ़गानिस्तान के कुछ क्षेत्र दिल्ली सल्तनत के अंग थे । ब्रिटिश सेनाओं ने भी कई बार अफ्गानिस्तान पर आक्रमण किया । अफ़ग़ानिस्तान के प्रमुख नगर हैं - राजधानी काबुल, कांधार.