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इसका असली नाम अबूरैहान मुहम्मद था, पर प्रसिद्ध अलबेरूनी नाम से ही है जिसका अर्थ होता है— उस्ताद। यह [[सुल्तान महमूद]] की सेना के साथ भारत आया था और अनेक वर्षों तक भारत रहा।  अलबेरूनी बड़ा प्रतिभासम्पन्न व्यक्ति था।  भारत आकर इसने [[संस्कृत]] भाषा सीखी और शास्त्रों का अध्ययन किया।  अपने अध्ययन का निचोड़ इसने 'तहकीक-ए-हिन्द' अर्थात् भारत की खोज नामक पुस्तक में दिया है। इससे मुसलमानों के आक्रमण से पहले की भारतीय संस्कृति और इतिहास का परिचय मिलता है।  अलबेरूनी की लिखी हुई अनेक पुस्तकें अब प्राप्त नहीं हैं। 'पुरानी कौमों का इतिहास' नामक प्राप्त पुस्तक उसकी विद्वता पर अच्छा प्रकाश डालती है।
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इसका असली नाम अबूरैहान मुहम्मद था, पर प्रसिद्ध अलबेरूनी नाम से ही है जिसका अर्थ होता है— उस्ताद। यह [[महमूद ग़ज़नवी|सुल्तान महमूद]] की सेना के साथ भारत आया था और अनेक वर्षों तक भारत रहा।  अलबेरूनी बड़ा प्रतिभासम्पन्न व्यक्ति था।  भारत आकर इसने [[संस्कृत]] भाषा सीखी और शास्त्रों का अध्ययन किया।  अपने अध्ययन का निचोड़ इसने 'तहकीक-ए-हिन्द' अर्थात् भारत की खोज नामक पुस्तक में दिया है। इससे मुसलमानों के आक्रमण से पहले की भारतीय संस्कृति और इतिहास का परिचय मिलता है।  अलबेरूनी की लिखी हुई अनेक पुस्तकें अब प्राप्त नहीं हैं। 'पुरानी कौमों का इतिहास' नामक प्राप्त पुस्तक उसकी विद्वता पर अच्छा प्रकाश डालती है।

११:०३, ९ सितम्बर २००९ का अवतरण

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अलवेरूनी /Al-Biruni / Al Beruni

इसका असली नाम अबूरैहान मुहम्मद था, पर प्रसिद्ध अलबेरूनी नाम से ही है जिसका अर्थ होता है— उस्ताद। यह सुल्तान महमूद की सेना के साथ भारत आया था और अनेक वर्षों तक भारत रहा। अलबेरूनी बड़ा प्रतिभासम्पन्न व्यक्ति था। भारत आकर इसने संस्कृत भाषा सीखी और शास्त्रों का अध्ययन किया। अपने अध्ययन का निचोड़ इसने 'तहकीक-ए-हिन्द' अर्थात् भारत की खोज नामक पुस्तक में दिया है। इससे मुसलमानों के आक्रमण से पहले की भारतीय संस्कृति और इतिहास का परिचय मिलता है। अलबेरूनी की लिखी हुई अनेक पुस्तकें अब प्राप्त नहीं हैं। 'पुरानी कौमों का इतिहास' नामक प्राप्त पुस्तक उसकी विद्वता पर अच्छा प्रकाश डालती है।