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*[[मदन मोहन जी का मंदिर|श्री मदन मोहन जी]] के पुराने मन्दिर के पास में अष्टसखी का कुंज स्थित है।   
 
*हेतमपुर के महाराज ने इसका निर्माण किया था।   
 
*हेतमपुर के महाराज ने इसका निर्माण किया था।   
 
*बीच में श्री [[राधा]]-[[कृष्ण]] युगलस्वरूप तथा इनकी दोनों ओर चार-चार सखियों के विग्रह हैं।  
 
*बीच में श्री [[राधा]]-[[कृष्ण]] युगलस्वरूप तथा इनकी दोनों ओर चार-चार सखियों के विग्रह हैं।  
*सन 1216 ई0 में हेतमपुर के महाराजा रामरंजन चक्रवर्ती तथा उनकी पत्नी पद्मासुन्दरी ने इस मन्दिर का निर्माणकर श्री राधारासबिहारी विग्रह को पधराया था।
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*सन 1216 ई॰ में हेतमपुर के महाराजा रामरंजन चक्रवर्ती तथा उनकी पत्नी पद्मासुन्दरी ने इस मन्दिर का निर्माणकर श्री राधारासबिहारी विग्रह को पधराया था।
  
  
 
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११:११, ५ जुलाई २०१० के समय का अवतरण

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अष्टसखी कुंज / Ashtasakhi Kunj

  • श्री मदन मोहन जी के पुराने मन्दिर के पास में अष्टसखी का कुंज स्थित है।
  • हेतमपुर के महाराज ने इसका निर्माण किया था।
  • बीच में श्री राधा-कृष्ण युगलस्वरूप तथा इनकी दोनों ओर चार-चार सखियों के विग्रह हैं।
  • सन 1216 ई॰ में हेतमपुर के महाराजा रामरंजन चक्रवर्ती तथा उनकी पत्नी पद्मासुन्दरी ने इस मन्दिर का निर्माणकर श्री राधारासबिहारी विग्रह को पधराया था।



सम्बंधित लिंक

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