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− | इक्ष्वाकु [[अयोध्या]] के राजा थे । [[पुराणों]] में कहा गया है कि इक्ष्वाकु | + | इक्ष्वाकु [[अयोध्या]] के राजा थे । [[पुराणों]] में कहा गया है कि प्रथम [[सूर्यवंशी]] राजा इक्ष्वाकु [[वैवस्वतमनु]] के पुत्र थे। इन्होंने ही अयोध्या में [[कोशल]] राज्य की स्थापना की थी। इनके सौ पुत्र थे। इनमें से पचास ने उत्तरापथ में और पचास ने दक्षिणापथ में राज्य किया। कहते हैं कि इक्ष्वाकु का जन्म मनु की छींक से हुआ था। इसीलिए इनका नाम इक्ष्वाकु पड़ा। |
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१२:३१, १५ जून २००९ का अवतरण
इक्ष्वाकु
इक्ष्वाकु अयोध्या के राजा थे । पुराणों में कहा गया है कि प्रथम सूर्यवंशी राजा इक्ष्वाकु वैवस्वतमनु के पुत्र थे। इन्होंने ही अयोध्या में कोशल राज्य की स्थापना की थी। इनके सौ पुत्र थे। इनमें से पचास ने उत्तरापथ में और पचास ने दक्षिणापथ में राज्य किया। कहते हैं कि इक्ष्वाकु का जन्म मनु की छींक से हुआ था। इसीलिए इनका नाम इक्ष्वाकु पड़ा। इनके वंश में आगे चलकर रघु, दिलीप, अज, दशरथ और राम जैसे प्रतापी राजा हुए। इस वंश में राजा
- पृथु
- मांधाता
- दिलीप
- सगर
- भगीरथ
- रघु
- अंबरीष
- नाभाग
- त्रिशंकु
- नहुष और
- सत्यवादी हरिश्चंद्र जैसे प्रतापी व्यक्तियों ने जन्म लिया ।
- एक प्रसिद्ध सूर्यवंशी राजा जो वैवस्तव मनु के पुत्र कहे गए हैं और जिनके वंश में रामचंद्र हुए थे ।
- उक्त राजा के वंशज जो एक वीर जाति के रूप में प्रसिद्ध हुए थे ।
- तितलौकी । कड़ुई लौकी ।