"कंकाली टीला" के अवतरणों में अंतर
अश्वनी भाटिया (चर्चा | योगदान) |
अश्वनी भाटिया (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
{{Menu}} | {{Menu}} | ||
==कंकाली टीला / Kankali Tila== | ==कंकाली टीला / Kankali Tila== | ||
− | [[चित्र:Kankali-Tila-Mathura-3.jpg|कंकाली टीला, [[मथुरा]]<br /> Kankali Tila, Mathura|thumb|200px | + | [[चित्र:Kankali-Tila-Mathura-3.jpg|कंकाली टीला, [[मथुरा]]<br /> Kankali Tila, Mathura|thumb|200px]] |
− | |||
कंकाली टीला को जैनी टीला भी कहा जाता है। [[मथुरा]] में यह भूतेश्वर योगमाया परिक्रमा मार्ग, भूतेश्वर और बी.एस.ए. कालेज के बीच में स्थिति है। | कंकाली टीला को जैनी टीला भी कहा जाता है। [[मथुरा]] में यह भूतेश्वर योगमाया परिक्रमा मार्ग, भूतेश्वर और बी.एस.ए. कालेज के बीच में स्थिति है। | ||
वर्तमान में यहाँ कंकाली देवी एवं [[हनुमान]] मन्दिर है। यहाँ एक अष्टकोणीय चबुतरायुक्त कुआ है जो भगवान [[कृष्ण]] के समय का बताया जाता है। इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने, लाल एवं बलुआ पत्थर का इस्तमाल किया गया है। | वर्तमान में यहाँ कंकाली देवी एवं [[हनुमान]] मन्दिर है। यहाँ एक अष्टकोणीय चबुतरायुक्त कुआ है जो भगवान [[कृष्ण]] के समय का बताया जाता है। इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने, लाल एवं बलुआ पत्थर का इस्तमाल किया गया है। | ||
पंक्ति ११: | पंक्ति १०: | ||
चित्र:Kankali-Tila-Mathura-3.jpg|कंकाली टीला, [[मथुरा]]<br /> Kankali Tila, Mathura | चित्र:Kankali-Tila-Mathura-3.jpg|कंकाली टीला, [[मथुरा]]<br /> Kankali Tila, Mathura | ||
चित्र:Dev-Kund-Kankali-Tila-Mathura-1.jpg|देव कुण्ड, कंकाली टीला, [[मथुरा]]<br />Dev Kund, Kankali Tila, Mathura | चित्र:Dev-Kund-Kankali-Tila-Mathura-1.jpg|देव कुण्ड, कंकाली टीला, [[मथुरा]]<br />Dev Kund, Kankali Tila, Mathura | ||
+ | चित्र:Kankali-Tila-Mathura-1.jpg|कंकाली टीला, [[मथुरा]]<br /> Kankali Tila, Mathura | ||
</gallery> | </gallery> | ||
१०:३६, ३ फ़रवरी २०१० का अवतरण
कंकाली टीला / Kankali Tila
कंकाली टीला को जैनी टीला भी कहा जाता है। मथुरा में यह भूतेश्वर योगमाया परिक्रमा मार्ग, भूतेश्वर और बी.एस.ए. कालेज के बीच में स्थिति है। वर्तमान में यहाँ कंकाली देवी एवं हनुमान मन्दिर है। यहाँ एक अष्टकोणीय चबुतरायुक्त कुआ है जो भगवान कृष्ण के समय का बताया जाता है। इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने, लाल एवं बलुआ पत्थर का इस्तमाल किया गया है।
इतिहास
काली के विकराल रूप जिसे कंकाली कहा जाता है, के नाम पर यह टीला है। लोककथा के अनुसार कंकाली देवी कंस द्वारा पूजी जाती थीं। पुरातत्त्व उत्खनन के अनुसार यहाँ एक प्राचीन जैन स्तूप स्थित होने के प्रमाण मिले। यहाँ मिली सभी वस्तुऐं जैनकालीन है। इसके सबसे पुराने अवशेष ई.पू. प्रथम शताब्दी के माने जाते है और सबसे नये 1177 ई. के माने जाते हैं। लखनऊ संग्रहालय में स्थित एक अभिलेख के अनुसार यहाँ के बौद्धस्तूप में प्रतिमा की स्थापना का विवरण 157 ई. का है। नये उत्खनन के अनुसार जो कि सड़क के किनारे वाले टीले का हुआ है जो बौद्ध विहार होने का संकेत देता है। साथ ही ईंटों के बने एक चौकोर कुण्ड भी है जिसकी सम्भावना कृष्ण कालीन होने की हैं।
कंकाली टीला, मथुरा
Kankali Tila, Mathuraकंकाली टीला, मथुरा
Kankali Tila, Mathuraदेव कुण्ड, कंकाली टीला, मथुरा
Dev Kund, Kankali Tila, Mathuraकंकाली टीला, मथुरा
Kankali Tila, Mathura