कणाद रहस्यवृत्ति

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
आदित्य चौधरी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित १६:५५, ४ मार्च २०१० का अवतरण (Text replace - '[[category' to '[[Category')
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

पद्मनाभ रचित कणाद रहस्यवृत्ति

  • बलभद्र और विजयश्री के पुत्र, न्यायबोधिनीकार गोवर्धन मिश्र के ज्येष्ठ भ्राता, पद्मनाभ मिश्र (1600 ई.) द्वारा इस वृत्ति की रचना की गई।
  • किन्तु यह अभी तक अमुद्रित है।<balloon title="कणादरहस्याख्यावृत्ति की पाण्डुलिपि तंजाउर पुस्तकालय में उपलब्ध है।" style=color:blue>*</balloon>