"कणाद सूत्र निबन्धवृत्ति" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
(नया पन्ना: {{Menu}} {{वैशेषिक दर्शन}} ==वादीन्द्रभट्ट (शंकरकिंकर) विरचित कणाद सूत्र ...)
 
छो (Text replace - '[[श्रेणी:' to '[[category:')
पंक्ति ७: पंक्ति ७:
  
 
{{दर्शन शास्त्र}}
 
{{दर्शन शास्त्र}}
[[श्रेणी: कोश]]
+
[[category: कोश]]
 
[[Category:वैशेषिक दर्शन]]
 
[[Category:वैशेषिक दर्शन]]
[[श्रेणी: पौराणिक ग्रन्थ]]  
+
[[category: पौराणिक ग्रन्थ]]  
 
__INDEX__
 
__INDEX__

१७:५४, १५ फ़रवरी २०१० का अवतरण

वादीन्द्रभट्ट (शंकरकिंकर) विरचित कणाद सूत्र निबन्धवृत्ति

  • न्यायसार के व्याख्याकार राघव भट्ट के गुरु, श्रीसिंहराज सभा के धर्माध्यक्ष, महाविद्याविडम्बन के रचचिता, योगेश्वर के शिष्य, तथा वादीन्द्रभट्ट उपनाम से विख्यात शंकरकिंकर नामक आचार्य ने वैशेषिक सूत्र पर व्याख्या लिखी थी[१] जिसका नाम कणादसूत्र-निबन्धवृत्ति था। इनका समय 13वीं शती के आसपास माना जाता है।


  1. क. कणादसूत्रनिबन्धवृत्ति की अपूर्ण प्रतियाँ मद्रास तथा बड़ौदा पुस्तकालयों में उपलब्ध हैं। ख. J.O.I. Baroda, VoleX, No-1, PP. 22-31,