"कुसुम सरोवर" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
 
(१० सदस्यों द्वारा किये गये बीच के २८ अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति १: पंक्ति १:
{{Menu}}<br />
+
{{Menu}}
[[चित्र:kusum-sarovar-01.jpg|कुसुम सरोवर|thumb|450px]]
+
{| style="background-color:#f6f6f6;border:1px solid #aaaaaa;-moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" cellspacing="3" align="center"
 
+
|[[चित्र:Tranfer-icon.png|link=|]]
==कुसुम सरोवर / Kusum sarovar / Kusum sarowar==
+
| यह लेख परिष्कृत रूप में [[:bk:मुखपृष्ठ|भारतकोश]] पर बनाया जा चुका है। [[:bk:कुसुम सरोवर गोवर्धन|भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें]]
[[गोवर्धन]] से लगभग 2 किलोमीटर दूर [[राधाकुण्ड]] के निकट [[स्थापत्य कला]] के नमूने का एक समूह [[जवाहर सिंह]] द्वारा अपने पिता [[सूरजमल]] ( ई.1707-1763) की स्मृति में बनवाया गया। ई. 1675 से पहले यह कच्चा कुण्ड था जिसे ओरछा के राजा वीर सिंह ने पक्का कराया उसके बाद राजा सूरजमल ने इसे अपनी रानी किशोरी के लिए बाग़-बगीचे का रूप दिया और इसे अधिक सुन्दर और मनोरम स्थल बना दिया ।
+
|}
बाद में जवाहर सिंह ने इसे अपने माता पिता के स्मारक का रूप दे दिया । मुख्य स्मारक 57 फीट वर्गाकार है । स्मारक का सबसे उत्कृष्ट भाग इसकी कुर्सी है जोकि रूपरेखा में सुस्पष्ट और परिष्कृति में उत्कृष्ट है। राजा के स्मारक के बगल में दोनों ओर कुछ छोटे आकार में उनकी रानियों, हँसिया और किशोरी की छतरियाँ बनी हैं। स्मारक 460 फीट लम्बे चबूतरे पर हैं । इसकी पिछली दीवार दोनों किनारों पर पर्दे के सदृष्य प्रतीत होती है और विभिन्न रूपरेखा की दो मंजिली नौ छतरियाँ अग्रभाग में उभार प्रदर्शन को निर्मित की गई हैं। रानी हंसिया के स्मारक के सन्निकट एक विश्वसनीय दासी की छतरी भी है ।
+
{{गोवर्धन धार्मिक स्थल}}
 
+
==कुसुम सरोवर / [[:en:Kusum Sarovar|Kusum Sarovar]] / Kusum Sarowar==
इसके पीछे एक विस्तीर्ण बगीचा है और सामने की ओर वेदिका के निचले हिस्से पर एक मनोरम तालाब है, जिसे कुसुम सरोवर कहा जाता है। यह सरोवर 460 फीट वर्गाकार है। इसके पत्थरों के सोपान चारों ओर मध्यभाग में टूटे हैं और चार छोटे आकार के कक्ष दिलहेदार और आच्छादित दीवार के साथ पानी में सरोवर जल के 60 फीट अन्दर तक बने हैं। इसके उत्तर में जवाहर सिंह की छतरी निर्माण के लिए प्रगति हुई थी किन्तु तभी मुसलमानों के आक्रमण के चलते उसका दुबारा निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सका। उसी ओर झील के घाट क्षतिग्रस्त है। कहा जाता है कि इसके निर्माण के कुछ वर्शों पश्चात ही गोसांई हिम्मत बहादुर निर्माण सामग्री [[वृन्दावन]] में घाटों का निर्माण कराने के लिए ले गया। आज भी घाट उसकी स्मृति में कायम है।  
+
*[[गोवर्धन]] से लगभग 2 किलोमीटर दूर [[राधाकुण्ड]] के निकट [[स्थापत्य कला]] के नमूने का एक समूह [[जवाहर सिंह]] द्वारा अपने पिता [[सूरजमल]] ( ई.1707-1763) की स्मृति में बनवाया गया। ई. 1675 से पहले यह कच्चा कुण्ड था जिसे ओरछा के राजा वीर सिंह ने पक्का कराया उसके बाद राजा सूरजमल ने इसे अपनी रानी किशोरी के लिए बाग़-बगीचे का रूप दिया और इसे अधिक सुन्दर और मनोरम स्थल बना दिया।[[चित्र:kusum-sarovar-01.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan|thumb|400px]]
 
+
*बाद में जवाहर सिंह ने इसे अपने माता पिता के स्मारक का रूप दे दिया। मुख्य स्मारक 57 फीट वर्गाकार है। स्मारक का सबसे उत्कृष्ट भाग इसकी कुर्सी है जोकि रूपरेखा में सुस्पष्ट और परिष्कृति में उत्कृष्ट है। राजा के स्मारक के बगल में दोनों ओर कुछ छोटे आकार में उनकी रानियों, हँसिया और किशोरी की छतरियाँ बनी हैं। स्मारक 460 फीट लम्बे चबूतरे पर हैं। इसकी पिछली दीवार दोनों किनारों पर पर्दे के सदृष्य प्रतीत होती है और विभिन्न रूपरेखा की दो मंजिली नौ छतरियाँ अग्रभाग में उभार प्रदर्शन को निर्मित की गई हैं। रानी हंसिया के स्मारक के सन्निकट एक विश्वसनीय दासी की छतरी भी है।
कुसुम सरोवर गोवर्धन के परिक्रमा मार्ग में स्थित एक रमणीक स्थल है जो अब सरकार के संरक्षण में है। उचित देखभाल न होने के कारण अपनी भव्यता और रमणीकता खोता जा रहा है।
+
*इसके पीछे एक विस्तीर्ण बगीचा है और सामने की ओर वेदिका के निचले हिस्से पर एक मनोरम तालाब है, जिसे कुसुम सरोवर कहा जाता है। यह सरोवर 460 फीट वर्गाकार है। इसके पत्थरों के सोपान चारों ओर मध्यभाग में टूटे हैं और चार छोटे आकार के कक्ष आच्छादित दीवार के साथ पानी में सरोवर जल के 60 फीट अन्दर तक बने हैं। इसके उत्तर में जवाहर सिंह की छतरी निर्माण के लिए प्रगति हुई थी किन्तु तभी मुसलमानों के आक्रमण के चलते उसका दुबारा निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सका। उसी ओर झील के घाट क्षतिग्रस्त है। कहा जाता है कि इसके निर्माण के कुछ वर्ष पश्चात ही गोसांई हिम्मत बहादुर निर्माण सामग्री [[वृन्दावन]] में घाटों का निर्माण कराने के लिए ले गया। आज भी घाट उसकी स्मृति में कायम है।  
 +
*कुसुम सरोवर [[गोवर्धन]] के परिक्रमा मार्ग में स्थित एक रमणीक स्थल है जो अब सरकार के संरक्षण में है। उचित देखभाल न होने के कारण अपनी भव्यता और रमणीकता खोता जा रहा है।
 
<br />
 
<br />
 
+
<br />
<gallery>
+
==वीथिका कुसुम सरोवर==
चित्र:Kusum-Sarovar-1.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]]
+
<gallery widths="145px" perrow="4">
चित्र:Kusum-Sarovar-2.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]]
+
चित्र:Kusum-Sarovar-8.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura
चित्र:Kusum-Sarovar-6.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]]
+
चित्र:Kusum-Sarovar-6.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura
चित्र:Kusum-Sarovar-7.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]]
+
चित्र:Kusum Sarovar Govardhan-12.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura
चित्र:Kusum-Sarovar-8.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]]
+
चित्र:Kusum Sarovar Govardhan-25.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura
चित्र:Kusum-Sarovar-9.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]]
+
चित्र:Kusum Sarovar Govardhan-15.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura
चित्र:Kusum-Sarovar-10.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]]
+
चित्र:Kusum Sarovar Govardhan-18.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura
चित्र:Kusum-Sarovar-11.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]]
+
चित्र:Kusum-Sarovar-7.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura
 +
चित्र:Kusum-Sarovar-1.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura
 +
चित्र:Kusum-Sarovar-10.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura
 +
चित्र:Kusum-Sarovar-9.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura
 +
चित्र:Kusum-Sarovar-2.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura
 +
चित्र:Kusum-Sarovar-11.jpg|कुसुम सरोवर, [[गोवर्धन]], [[मथुरा]]<br /> Kusum Sarovar, Govardhan, Mathura
 
</gallery>
 
</gallery>
 +
<br />
 
[[en:Kusum Sarovar]]
 
[[en:Kusum Sarovar]]
{{गोवर्धन-दर्शनीय-स्थल}}
+
==सम्बंधित लिंक==
[[category:दर्शनीय-स्थल]]
+
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}
[[श्रेणी:कोश]]
+
[[Category:दर्शनीय-स्थल]]
[[श्रेणी:दर्शनीय-स्थल कोश]]
+
[[Category:कोश]]
 +
[[Category:दर्शनीय-स्थल कोश]]
 +
[[Category:पुरातत्व और वास्तु]]
 +
__INDEX__

११:१८, ९ फ़रवरी २०१४ के समय का अवतरण

Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

कुसुम सरोवर / Kusum Sarovar / Kusum Sarowar

  • गोवर्धन से लगभग 2 किलोमीटर दूर राधाकुण्ड के निकट स्थापत्य कला के नमूने का एक समूह जवाहर सिंह द्वारा अपने पिता सूरजमल ( ई.1707-1763) की स्मृति में बनवाया गया। ई. 1675 से पहले यह कच्चा कुण्ड था जिसे ओरछा के राजा वीर सिंह ने पक्का कराया उसके बाद राजा सूरजमल ने इसे अपनी रानी किशोरी के लिए बाग़-बगीचे का रूप दिया और इसे अधिक सुन्दर और मनोरम स्थल बना दिया।
    कुसुम सरोवर, गोवर्धन
    Kusum Sarovar, Govardhan
  • बाद में जवाहर सिंह ने इसे अपने माता पिता के स्मारक का रूप दे दिया। मुख्य स्मारक 57 फीट वर्गाकार है। स्मारक का सबसे उत्कृष्ट भाग इसकी कुर्सी है जोकि रूपरेखा में सुस्पष्ट और परिष्कृति में उत्कृष्ट है। राजा के स्मारक के बगल में दोनों ओर कुछ छोटे आकार में उनकी रानियों, हँसिया और किशोरी की छतरियाँ बनी हैं। स्मारक 460 फीट लम्बे चबूतरे पर हैं। इसकी पिछली दीवार दोनों किनारों पर पर्दे के सदृष्य प्रतीत होती है और विभिन्न रूपरेखा की दो मंजिली नौ छतरियाँ अग्रभाग में उभार प्रदर्शन को निर्मित की गई हैं। रानी हंसिया के स्मारक के सन्निकट एक विश्वसनीय दासी की छतरी भी है।
  • इसके पीछे एक विस्तीर्ण बगीचा है और सामने की ओर वेदिका के निचले हिस्से पर एक मनोरम तालाब है, जिसे कुसुम सरोवर कहा जाता है। यह सरोवर 460 फीट वर्गाकार है। इसके पत्थरों के सोपान चारों ओर मध्यभाग में टूटे हैं और चार छोटे आकार के कक्ष आच्छादित दीवार के साथ पानी में सरोवर जल के 60 फीट अन्दर तक बने हैं। इसके उत्तर में जवाहर सिंह की छतरी निर्माण के लिए प्रगति हुई थी किन्तु तभी मुसलमानों के आक्रमण के चलते उसका दुबारा निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सका। उसी ओर झील के घाट क्षतिग्रस्त है। कहा जाता है कि इसके निर्माण के कुछ वर्ष पश्चात ही गोसांई हिम्मत बहादुर निर्माण सामग्री वृन्दावन में घाटों का निर्माण कराने के लिए ले गया। आज भी घाट उसकी स्मृति में कायम है।
  • कुसुम सरोवर गोवर्धन के परिक्रमा मार्ग में स्थित एक रमणीक स्थल है जो अब सरकार के संरक्षण में है। उचित देखभाल न होने के कारण अपनी भव्यता और रमणीकता खोता जा रहा है।



वीथिका कुसुम सरोवर


सम्बंधित लिंक