"खरोष्ठी" के अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
छो |
|||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
{{menu}}<br /> | {{menu}}<br /> | ||
{{Incomplete}} | {{Incomplete}} | ||
− | == | + | ==खरोष्टी लिपि / Kharoshti Script== |
[[category:भाषा]] [[श्रेणी: कोश]] | [[category:भाषा]] [[श्रेणी: कोश]] | ||
खरोष्ठी लिपि गान्धारी लिपि के नाम से जानी जाती है । जो गान्धारी और [[संस्कृत]] भाषा को लिपिवद्ध प्रयोग करने में आती है । इसका प्रयोग तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से तीसरी शताब्दी तक प्रमुख रूप से एशिया में होता रहा है । [[शक-कुषाण काल|कुषाण काल]] में इसका प्रयोग भारत में बहुतायत में हुआ । [[बौद्ध]] उल्लेखों में खरोष्ठी लिपि प्रारम्भ से भी प्रयोग में आयी । कहीं - कहीं सातवी शताब्दी में भी इसका प्रयोग हुआ है । | खरोष्ठी लिपि गान्धारी लिपि के नाम से जानी जाती है । जो गान्धारी और [[संस्कृत]] भाषा को लिपिवद्ध प्रयोग करने में आती है । इसका प्रयोग तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से तीसरी शताब्दी तक प्रमुख रूप से एशिया में होता रहा है । [[शक-कुषाण काल|कुषाण काल]] में इसका प्रयोग भारत में बहुतायत में हुआ । [[बौद्ध]] उल्लेखों में खरोष्ठी लिपि प्रारम्भ से भी प्रयोग में आयी । कहीं - कहीं सातवी शताब्दी में भी इसका प्रयोग हुआ है । |
११:०४, १० नवम्बर २००९ का अवतरण
पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार कर सकते हैं। हिंदी (देवनागरी) टाइप की सुविधा संपादन पन्ने पर ही उसके नीचे उपलब्ध है। |
खरोष्टी लिपि / Kharoshti Script
खरोष्ठी लिपि गान्धारी लिपि के नाम से जानी जाती है । जो गान्धारी और संस्कृत भाषा को लिपिवद्ध प्रयोग करने में आती है । इसका प्रयोग तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से तीसरी शताब्दी तक प्रमुख रूप से एशिया में होता रहा है । कुषाण काल में इसका प्रयोग भारत में बहुतायत में हुआ । बौद्ध उल्लेखों में खरोष्ठी लिपि प्रारम्भ से भी प्रयोग में आयी । कहीं - कहीं सातवी शताब्दी में भी इसका प्रयोग हुआ है ।