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'''अर्जुन उवाच'''<br/> | '''अर्जुन उवाच'''<br/> | ||
'''परं ब्रह्रा परं धाम पवित्रं परमं भवान् ।'''<br/> | '''परं ब्रह्रा परं धाम पवित्रं परमं भवान् ।'''<br/> | ||
− | ''' | + | '''पुरुषं शाश्वतं दिव्यमादिदेवमजं विभुम् ।।12।।'''<br/> |
'''आहुस्त्वामृषय: सर्वे देवर्षिर्नारदस्तथा ।'''<br/> | '''आहुस्त्वामृषय: सर्वे देवर्षिर्नारदस्तथा ।'''<br/> | ||
'''असितो देवलो व्यास: स्वयं चैव ब्रवीषि मे ।।13।।''' | '''असितो देवलो व्यास: स्वयं चैव ब्रवीषि मे ।।13।।''' | ||
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आप परम <balloon link="index.php?title=ब्रह्मा " title="सर्वश्रेष्ठ पौराणिक त्रिदेवों में ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव की गणना होती है। इनमें ब्रह्मा का नाम पहले आता है, क्योंकि वे विश्व के आद्य सृष्टा, प्रजापति, पितामह तथा हिरण्यगर्भ हैं। | आप परम <balloon link="index.php?title=ब्रह्मा " title="सर्वश्रेष्ठ पौराणिक त्रिदेवों में ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव की गणना होती है। इनमें ब्रह्मा का नाम पहले आता है, क्योंकि वे विश्व के आद्य सृष्टा, प्रजापति, पितामह तथा हिरण्यगर्भ हैं। | ||
− | ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">ब्रह्मा</balloon>, परम धाम और परम पवित्र हैं, क्योंकि आपको सब ऋषिगण सनातन, दिव्य पुरुष एवं देवों का भी आदि देव, अजन्मा और सर्वव्यापी कहते हैं । वैसे ही देवर्षि <balloon link="index.php?title=नारद " title="नारद मुनि, | + | ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">ब्रह्मा</balloon>, परम धाम और परम पवित्र हैं, क्योंकि आपको सब ऋषिगण सनातन, दिव्य पुरुष एवं देवों का भी आदि देव, अजन्मा और सर्वव्यापी कहते हैं । वैसे ही देवर्षि <balloon link="index.php?title=नारद " title="नारद मुनि, हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्मा के सात मानस पुत्रों मे से एक हैं । |
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">नारद</balloon> तथा [[असित]] और [[देवल ऋषि]] तथा महर्षि <balloon link="index.php?title=व्यास " title="भगवान व्यास भगवान नारायण के ही कलावतार थे। व्यास जी के पिता का नाम पाराशर ऋषि तथा माता का नाम सत्यवती था। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">व्यास</balloon> भी कहते हैं और स्वयं आप भी मेरे प्रति कहते हैं ।।12-13।। | ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">नारद</balloon> तथा [[असित]] और [[देवल ऋषि]] तथा महर्षि <balloon link="index.php?title=व्यास " title="भगवान व्यास भगवान नारायण के ही कलावतार थे। व्यास जी के पिता का नाम पाराशर ऋषि तथा माता का नाम सत्यवती था। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">व्यास</balloon> भी कहते हैं और स्वयं आप भी मेरे प्रति कहते हैं ।।12-13।। | ||
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− | भवान् = आप; परम् = परम; परमम् = परम; पवित्रम् = पवित्र (हैं); (यत:) = क्योंकि; त्वाम् = आपको; ऋषय: = ऋषिजन; शाश्वतम् = सनातन; दिव्यम् = दिव्य; | + | भवान् = आप; परम् = परम; परमम् = परम; पवित्रम् = पवित्र (हैं); (यत:) = क्योंकि; त्वाम् = आपको; ऋषय: = ऋषिजन; शाश्वतम् = सनातन; दिव्यम् = दिव्य; पुरुषम् = पुरुष(एवं); आदिदेवम् = देवोंका भी आदिदेव; अजम् = अजन्मा(और); विभुम् = सर्वव्यापी; |
आहु: = कहते हैं; तथा = वैसे ही देवर्षि: = देवऋषि; नारद: = नारद(तथा); देवल: = देवलऋषि(तथा); व्यास: = महर्षि व्यास; स्वयम् = स्वयम् = आप; एव = भी; मे = मेरे (प्रति); ब्रवीषि = कहते हैं | आहु: = कहते हैं; तथा = वैसे ही देवर्षि: = देवऋषि; नारद: = नारद(तथा); देवल: = देवलऋषि(तथा); व्यास: = महर्षि व्यास; स्वयम् = स्वयम् = आप; एव = भी; मे = मेरे (प्रति); ब्रवीषि = कहते हैं | ||
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०६:११, ५ जुलाई २०१० के समय का अवतरण
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गीता अध्याय-10 श्लोक-12, 13 / Gita Chapter-10 Verse-12, 13
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