ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
गीता अध्याय-10 श्लोक-14 / Gita Chapter-10 Verse-14
सर्वमेतदृतं मन्ये यन्मां वदसि केशव ।
न हि ते भगवन्व्यक्तिं विदुर्देवा न दानवा: ।।14।।
|
हे <balloon title="मधुसूदन, केशव, पुरुषोत्तम, वासुदेव, माधव, जनार्दन और वार्ष्णेय सभी भगवान् कृष्ण का ही सम्बोधन है।" style="color:green">केशव</balloon> ! जो कुछ भी मेरे प्रति आप कहते हैं, इस सबको मैं सत्य मानता हूँ । हे भगवान् ! आपके लीलामय स्वरूप को न तो दानव जानते हैं और न देवता ही जानते हैं ।।14।।
|
Krishna, I believe as true all that you tell me, Lord, neither demons nor gods are aware of Your manifestation through sport. (14)
|
यत् = जो कुछ भी; माम् = मेरे प्रति; वदसि = आप कहते हैं; एतत् = इस; सर्वम् = समस्तको(मैं); ऋतम् = सत्य; मन्ये = मानता हूं; ते = आपके; व्यक्तिम् = लीलामय स्वरूपको; दानवा: =दानव; विदु: जानते हैं(और); देवा: = देवता
|
|
|
|
<sidebar>
- सुस्वागतम्
- mainpage|मुखपृष्ठ
- ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
- विशेष:Contact|संपर्क
- समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
- SEARCH
- LANGUAGES
__NORICHEDITOR__
- गीता अध्याय-Gita Chapters
- गीता 1:1|अध्याय [1] Chapter
- गीता 2:1|अध्याय [2] Chapter
- गीता 3:1|अध्याय [3] Chapter
- गीता 4:1|अध्याय [4] Chapter
- गीता 5:1|अध्याय [5] Chapter
- गीता 6:1|अध्याय [6] Chapter
- गीता 7:1|अध्याय [7] Chapter
- गीता 8:1|अध्याय [8] Chapter
- गीता 9:1|अध्याय [9] Chapter
- गीता 10:1|अध्याय [10] Chapter
- गीता 11:1|अध्याय [11] Chapter
- गीता 12:1|अध्याय [12] Chapter
- गीता 13:1|अध्याय [13] Chapter
- गीता 14:1|अध्याय [14] Chapter
- गीता 15:1|अध्याय [15] Chapter
- गीता 16:1|अध्याय [16] Chapter
- गीता 17:1|अध्याय [17] Chapter
- गीता 18:1|अध्याय [18] Chapter
</sidebar>
|
|
महाभारत |
---|
| महाभारत संदर्भ | | | | महाभारत के पर्व | |
|
|