ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
गीता अध्याय-11 श्लोक-46 / Gita Chapter-11 Verse-46
किरीटिनं गदिनं चक्रहस्त
मिच्छामि त्वां द्रष्टुमहं तथैव ।
तेनैव रूपेण चतुर्भुजेन
सहस्त्रबाहो भव विश्वमूर्ते ।।46।।
|
मैं वैसे ही आपको मुकुट धारण किये हुए तथा गदा और चक्र हाथ में लिये हुए देखना चाहता हूँ, इसलिये हे विश्व स्वरूप ! हे <balloon title="मधुसूदन, केशव, पुरुषोत्तम, वासुदेव, माधव,सहस्त्रबाहो, जनार्दन और वार्ष्णेय सभी भगवान् कृष्ण का ही सम्बोधन है।" style="color:green">सहस्त्रबाहो</balloon> ! आप उसी चतुर्भुज रूप से प्रकट होइये । ।।46।।
|
I wish to see you adorned in the same way with a diadem on the head, and holding a mace and a discus in two of your hands. O Lord with a thousand arms, O universal being, appear again in the same four-armed form. (46)
|
तथा = वैसे; त्वाम् = आपको; किरीटिनम् = मुकुट धारणकिए हुए(तथा); गदिनम् चक्रहस्तम् = गदा और चक्र हाथ में लिये हुए; द्रष्टुम् = देखना; इच्छामि = चाहता हूं; (अतJ = इसलिये; विश्वमूर्ते = हे विश्वस्वरूप; तेन = उस; भव = होइये
|
|
|
|
<sidebar>
- सुस्वागतम्
- mainpage|मुखपृष्ठ
- ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
- विशेष:Contact|संपर्क
- समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
- SEARCH
- LANGUAGES
__NORICHEDITOR__
- गीता अध्याय-Gita Chapters
- गीता 1:1|अध्याय [1] Chapter
- गीता 2:1|अध्याय [2] Chapter
- गीता 3:1|अध्याय [3] Chapter
- गीता 4:1|अध्याय [4] Chapter
- गीता 5:1|अध्याय [5] Chapter
- गीता 6:1|अध्याय [6] Chapter
- गीता 7:1|अध्याय [7] Chapter
- गीता 8:1|अध्याय [8] Chapter
- गीता 9:1|अध्याय [9] Chapter
- गीता 10:1|अध्याय [10] Chapter
- गीता 11:1|अध्याय [11] Chapter
- गीता 12:1|अध्याय [12] Chapter
- गीता 13:1|अध्याय [13] Chapter
- गीता 14:1|अध्याय [14] Chapter
- गीता 15:1|अध्याय [15] Chapter
- गीता 16:1|अध्याय [16] Chapter
- गीता 17:1|अध्याय [17] Chapter
- गीता 18:1|अध्याय [18] Chapter
</sidebar>
|
|
महाभारत |
---|
| महाभारत संदर्भ | |  | | महाभारत के पर्व | |
|
|