ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
|
|
पंक्ति २५: |
पंक्ति २५: |
| | | |
| | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| |
− | The name of God, SAT, is employed in the sense of truth and goodness. And the word SAT is also used in the sense of a praiseworthy act, arjuna.(26) | + | The name of God, SAT, is employed in the sense of truth and goodness. And the word SAT is also used in the sense of a praiseworthy act, Arjuna.(26) |
| |- | | |- |
| |} | | |} |
१३:१८, २४ नवम्बर २००९ का अवतरण
गीता अध्याय-17 श्लोक-26 / Gita Chapter-17 Verse-26
प्रसंग-
इस प्रकार 'तत्' नाम के प्रयोग की बात कह कर अब परमेश्वर 'सत्' नाम के प्रयोग की बात दो श्लोकों में कही जाती है-
सद्भावे साधुभावे च सदित्येतत्प्रयुज्यते ।
प्रशस्ते कर्मणि तथा सच्छब्द: पार्थ युज्यते ।।26।।
|
'सत्' – इस प्रकार यह परमात्मा का नाम सत्यभाव में और श्रेष्ठभाव में प्रयोग किया जाता है तथा हे पार्थ ! उत्तम कर्म में भी 'सत्' शब्द का प्रयोग किया जाता है ।।26।।
|
The name of God, SAT, is employed in the sense of truth and goodness. And the word SAT is also used in the sense of a praiseworthy act, Arjuna.(26)
|
सत् = सत् ; इति = ऐसे ; एतत् = यह (परमात्मा का नाम); सभ्दावे = सत्य भाव में ; च = और ; साधुभावे = श्रेष्ठभाव में ; प्रयुज्यते = प्रयोग किया जाता है ; तथा = तथा ; पार्थ = हे पार्थ ; प्रशस्ते = उत्तम ; कर्मणि = कर्म में (भी) ; सत् = सत् ; शब्द: = शब्द ; युज्यते = प्रयोग किया जाता है
|
|
|
|
<sidebar>
- सुस्वागतम्
- mainpage|मुखपृष्ठ
- ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
- विशेष:Contact|संपर्क
- समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
- SEARCH
- LANGUAGES
__NORICHEDITOR__
- गीता अध्याय-Gita Chapters
- गीता 1:1|अध्याय [1] Chapter
- गीता 2:1|अध्याय [2] Chapter
- गीता 3:1|अध्याय [3] Chapter
- गीता 4:1|अध्याय [4] Chapter
- गीता 5:1|अध्याय [5] Chapter
- गीता 6:1|अध्याय [6] Chapter
- गीता 7:1|अध्याय [7] Chapter
- गीता 8:1|अध्याय [8] Chapter
- गीता 9:1|अध्याय [9] Chapter
- गीता 10:1|अध्याय [10] Chapter
- गीता 11:1|अध्याय [11] Chapter
- गीता 12:1|अध्याय [12] Chapter
- गीता 13:1|अध्याय [13] Chapter
- गीता 14:1|अध्याय [14] Chapter
- गीता 15:1|अध्याय [15] Chapter
- गीता 16:1|अध्याय [16] Chapter
- गीता 17:1|अध्याय [17] Chapter
- गीता 18:1|अध्याय [18] Chapter
</sidebar>
|