ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
गीता अध्याय-17 श्लोक-8 / Gita Chapter-17 Verse-8
प्रसंग-
पूर्व श्लोक में भगवान् ने आहार, यज्ञ, तप और दान भेद सुनने की आज्ञा की है; उस के अनुसार इस श्लोक में ग्रहण करने योग्य सात्त्विक आहार का वर्णन करते हैं-
आयु: सत्त्वबलारोग्यसुखप्रीतिविवर्धना: |
रस्या: स्निग्धा: स्थिरा हृद्या आहारा: सात्त्विकप्रिया: ।।8।।
|
आयु, बुद्धि, बल, आरोग्य, सुख और प्रीति को बढ़ाने वाले, रस युक्त, चिकने और स्थिर रहने वाले तथा स्वभाव से ही मन को प्रिय – ऐसे आहार अर्थात् भोजन करने के पदार्थ सात्त्विक पुरुष को प्रिय होते हैं ।।8।।
|
Foods which promote longevity, intelligence, vigour, health, r appiness and cheerfulness, and which are sweet, bland, substantial and naturally agreeable, are dear to the Sattvika type of men.(8)
|
आयु: = आयु ; सत्त्व = बुद्धि ; बल = बल ; आरोग्य = आरोग्य ; सुख = सुख (और) ; प्रीति = प्रीति को ; विवर्धना: = बढाने वाले (एवं) ; रस्या: = रसयुक्त ; स्त्रिग्घा: = चिकने (और) ; स्थिरा: = स्थिर रहने वाले (तथा) ; हृद्या: = स्वभाव से ही मनको प्रिय (ऐसे) ; आहारा: = आहार अर्थात् भोजन करने के पदार्थ (तो) ; सात्त्विकप्रिया: = सात्त्विक पुरुष को प्रिय होते हैं
|
|
|
|
<sidebar>
- सुस्वागतम्
- mainpage|मुखपृष्ठ
- ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
- विशेष:Contact|संपर्क
- समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
- SEARCH
- LANGUAGES
__NORICHEDITOR__
- गीता अध्याय-Gita Chapters
- गीता 1:1|अध्याय [1] Chapter
- गीता 2:1|अध्याय [2] Chapter
- गीता 3:1|अध्याय [3] Chapter
- गीता 4:1|अध्याय [4] Chapter
- गीता 5:1|अध्याय [5] Chapter
- गीता 6:1|अध्याय [6] Chapter
- गीता 7:1|अध्याय [7] Chapter
- गीता 8:1|अध्याय [8] Chapter
- गीता 9:1|अध्याय [9] Chapter
- गीता 10:1|अध्याय [10] Chapter
- गीता 11:1|अध्याय [11] Chapter
- गीता 12:1|अध्याय [12] Chapter
- गीता 13:1|अध्याय [13] Chapter
- गीता 14:1|अध्याय [14] Chapter
- गीता 15:1|अध्याय [15] Chapter
- गीता 16:1|अध्याय [16] Chapter
- गीता 17:1|अध्याय [17] Chapter
- गीता 18:1|अध्याय [18] Chapter
</sidebar>
|
|
महाभारत |
---|
| महाभारत संदर्भ | | | | महाभारत के पर्व | |
|
|