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इसे आनंदाद्रि नाम से पुकारा गया है । [[ब्रज]] में [[बद्रीनाथ]] का निवास है । यहां पहुंचने से पहले रास्ते में आदि बद्री, परमदरा तथा बूढ़ों बद्री का मन्दिर पड़ता है । घाटा में पर्वत, सुन्दर बाग भी है । यह प्रमुख तीर्थ और [[राधा]]जी का धाम है । यहां पर्वत पर लाड़लीजी का भव्य मन्दिर बना है, जिसकी छटा देखते ही बनती है । ब्रह्मस्वरूप इस पर्वत पर दानगढ़, मानगढ़, विलासगढ़ और मोरकुटी के पवित्र स्थल है । [[जयपुर]] वाला मन्दिर भव्य है । सांकरी खोर, गहवरवन, भागनोखर, कदम्बखण्डी, बड़े रमणीक स्थल हैं और आस–पास राधाजी की सखियों के गांव हैं । यह जनपद [[मथुरा]] <span style="color: rgb(255, 102, 0);">शहर से 47 कि0 मी0 की दूरी पर स्थिति है&nbsp;???</span> __INDEX__  
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इसे आनंदाद्रि नाम से पुकारा गया है । [[ब्रज]] में [[बद्रीनाथ]] का निवास है । यहां पहुंचने से पहले रास्ते में आदि बद्री, परमदरा तथा बूढ़ों बद्री का मन्दिर पड़ता है । घाटा में पर्वत, सुन्दर बाग भी है । यह प्रमुख तीर्थ और [[राधा]]जी का धाम है । यहां पर्वत पर लाड़लीजी का भव्य मन्दिर बना है, जिसकी छटा देखते ही बनती है । ब्रह्मस्वरूप इस पर्वत पर दानगढ़, मानगढ़, विलासगढ़ और मोरकुटी के पवित्र स्थल है । [[जयपुर]] वाला मन्दिर भव्य है । सांकरी खोर, गहवरवन, भागनोखर, कदम्बखण्डी, बड़े रमणीक स्थल हैं और आस–पास राधाजी की सखियों के गांव हैं । यह जनपद [[मथुरा]] शहर से 47 कि0 मी0 की दूरी पर स्थिति है।
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०९:०३, २९ दिसम्बर २००९ का अवतरण



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घाटा / Ghata

इसे आनंदाद्रि नाम से पुकारा गया है । ब्रज में बद्रीनाथ का निवास है । यहां पहुंचने से पहले रास्ते में आदि बद्री, परमदरा तथा बूढ़ों बद्री का मन्दिर पड़ता है । घाटा में पर्वत, सुन्दर बाग भी है । यह प्रमुख तीर्थ और राधाजी का धाम है । यहां पर्वत पर लाड़लीजी का भव्य मन्दिर बना है, जिसकी छटा देखते ही बनती है । ब्रह्मस्वरूप इस पर्वत पर दानगढ़, मानगढ़, विलासगढ़ और मोरकुटी के पवित्र स्थल है । जयपुर वाला मन्दिर भव्य है । सांकरी खोर, गहवरवन, भागनोखर, कदम्बखण्डी, बड़े रमणीक स्थल हैं और आस–पास राधाजी की सखियों के गांव हैं । यह जनपद मथुरा शहर से 47 कि0 मी0 की दूरी पर स्थिति है।