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*चरक संहिता में व्याधियों के उपचार तो बताए ही गए हैं, प्रसंगवश स्थान-स्थान पर [[दर्शन शास्त्र|दर्शन]] और अर्थशास्त्र के विषयों की भी उल्लेख है।
 
*चरक संहिता में व्याधियों के उपचार तो बताए ही गए हैं, प्रसंगवश स्थान-स्थान पर [[दर्शन शास्त्र|दर्शन]] और अर्थशास्त्र के विषयों की भी उल्लेख है।
  
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चरक संहिता / Charak sanhita

(300-200) ई पूर्व लगभग)

  • चरक संहिता आयुर्वेद का एक मूल ग्रन्थ है । यह संस्कृत भाषा में है ।
  • इसके रचयिता आचार्य चरक हैं ।
  • चरक की शिक्षा तक्षशिला में हुई ।
  • आचार्य चरक आयुर्वेद के विद्वान थे ।
  • उन्होंने आयुर्वेद के प्रमुख ग्रन्थों और उसके ज्ञान को इकट्ठा करके उसका संकलन किया । चरक ने भ्रमण करके चिकित्सकों के साथ बैठकें की, विचार एकत्र किए और सिद्धांतों को प्रतिपादित किया और उसे पढ़ाई लिखाई के योग्य बनाया ।
  • चरक संहिता आठ भागों में विभाजित है और इसमें 120 अध्याय हैं ।
  • चरक संहिता में आयुर्वेद के सभी सिद्धांत हैं और जो इसमें नहीं है वह कहीं नहीं है ।
  • यह आयुर्वेद के सिद्धांत का पूर्ण ग्रंथ है ।
  • चरक संहिता में व्याधियों के उपचार तो बताए ही गए हैं, प्रसंगवश स्थान-स्थान पर दर्शन और अर्थशास्त्र के विषयों की भी उल्लेख है।