चर्चिका देवी मन्दिर

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कैसे पहुँचें
मार्ग स्थिति: यह मंदिर दसवतार गली, विश्राम घाट, मथुरा में स्थित है ।
आस-पास: द्वारिकाधीश मन्दिर
अन्य:
सावधानियाँ:
पुरातत्व
1: निर्माणकाल- उन्नीसवी शताब्दी के अंत में
2:
वास्तु
1: यह समतल छत वाला दोमंजिला मन्दिर है जिसका आधार आयताकार (20’ X 8’) है । उत्तरमुखी द्वार के खुलने पर आप मंदिर की कक्षिका में प्रविष्ट होंगे । इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने, लाल एवं बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है । दीवारों पर बनी कृतियाँ, उत्कीर्णित दरवाज़े व आकर्षित छज्जे इसके बाहरी स्वरूप को प्रकाश में लाते हैं ।
2:
अन्य जानकारी
मानचित्र:
स्वामित्व: श्री मदन मोहन चतुर्वेदी
प्रबन्धन:
स्त्रोत: इंटैक
अन्य:
अद्यतन: 2009
अन्य लिंक:

चर्चिका देवी मन्दिर / Charchika Devi Temple

मथुरा में विश्राम घाट के आगे सती बुर्ज के निकट चर्चिका देवी का प्राचीन मन्दिर है । वर्ष में कई बार सवा मन प्रसाद का भोग लगता है, और इसे फूलों व नाना प्रकार से सुसज्जित करते हैं । इसके निकट दशावतार का प्रसिद्ध मन्दिर भी है । पुराणों के अनुसार चर्चिका देवी का प्रादुर्भाव शिव के तीसरे नेत्र से हुआ । सैनी नदी के किनारे सर्वप्रथम राजाधिराज ने देवी उपासना की, जिससे राजतंत्र का प्रारम्भ देवताओं के चयन से हुआ जिसकी पूजा–अर्चना देव भी करते थे। इस देवी का इतिहास चमत्कारिक घटनाओं से परिपूर्ण है। चर्चिका देवी का मन्दिर वही है जिसकी हर्षवर्धन और इन्द्रद्युम्न ने पूजा–अर्चना की थी । धार्मिक ग्रन्थों में चर्चिका को श्मशानवासिनी बताया गया है।
साँचा:Mathura temple