"चामुण्डा देवी मन्दिर" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
छो (Text replace - " ।" to "।")
 
(४ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के १० अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति १: पंक्ति १:
 
{{Tourism3
 
{{Tourism3
|Image=Blank-Image-2.jpg
+
|Image=Chamunda-Devi-Temple-Mathura-1.jpg
|Location=यह मन्दिर जयसिंह पुरा, [[वृंदावन]] मार्ग, [[मथुरा]] में स्थित है ।
+
|Location=यह मन्दिर जयसिंह पुरा, [[वृन्दावन]] मार्ग, [[मथुरा]] में स्थित है।
 
|Near=[[गायत्री तपोभूमि]], प्रेम महाविधालय, मेथोडिस्ट हस्पताल, [[बिरला मंदिर]]
 
|Near=[[गायत्री तपोभूमि]], प्रेम महाविधालय, मेथोडिस्ट हस्पताल, [[बिरला मंदिर]]
 
|Archeology=निर्माणकाल- उन्नीसवीं शताब्दी
 
|Archeology=निर्माणकाल- उन्नीसवीं शताब्दी
|Sculpture=इसे मन्दिर को बनाने में लखोरी ईंट व चूने का इस्तेमाल किया गया है ।
+
|Sculpture=इसे मन्दिर को बनाने में लखोरी ईंट व चूने का इस्तेमाल किया गया है।
|Owner=श्री कपिल गुरू
+
|Owner=  
 
|Source=[[इंटैक]]
 
|Source=[[इंटैक]]
 
|Update=2009
 
|Update=2009
 
}}
 
}}
 
==चामुण्डा देवी मन्दिर / Chamunda Devi Temple==
 
==चामुण्डा देवी मन्दिर / Chamunda Devi Temple==
[[मथुरा]] के उत्तर–पश्चिम दिशा में [[गायत्री तपोभूमि]] के सामने मथुरा–[[वृन्दावन]] रेलवे लाइन के निकट स्थित इस प्रसिद्ध मन्दिर की भारी मान्यता है। देवी भागवत के अनुसार [[सती]] के मृत शरीर को जब [[शंकर]] जी ले जा रहे थे। उस समय उनके केश जिस स्थान पर गिरे वही स्थान चामुण्डा के नाम से प्रसिद्ध है। यह स्थान महर्षि शन्डिल साधना भूमि रही है तांत्रिक उपासक चामुण्डा को दस महाविद्याओं में छिन्न मस्ता का स्वरूप मानते हैं। सप्तशती के अनुसार चण्ड–मुण्ड असुरों को नष्ट करने वाली शक्ति चामुण्डा हैं। इस प्रकार चण्ड दैत्य संहारणी काली प्रतिमा को चामुण्डा कहा गया है।
+
[[मथुरा]] के उत्तर–पश्चिम दिशा में [[गायत्री तपोभूमि]] के सामने मथुरा–[[वृन्दावन]] रेलवे लाइन के निकट स्थित इस प्रसिद्ध मन्दिर की भारी मान्यता है। देवी भागवत के अनुसार [[सती]] के मृत शरीर को जब [[शंकर]] जी ले जा रहे थे। उस समय उनके केश जिस स्थान पर गिरे वही स्थान चामुण्डा के नाम से प्रसिद्ध है।  
 +
==महर्षि शन्डिल==
 +
यह स्थान महर्षि शन्डिल साधना भूमि रही है तांत्रिक उपासक चामुण्डा को दस महाविद्याओं में छिन्न मस्ता का स्वरूप मानते हैं। सप्तशती के अनुसार चण्ड–मुण्ड असुरों को नष्ट करने वाली शक्ति चामुण्डा हैं। इस प्रकार चण्ड दैत्य संहारणी काली प्रतिमा को चामुण्डा कहा गया है।
 
==वीथिका==
 
==वीथिका==
==टीका-टिप्पणी==
+
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
==अन्य लिंक==
+
==सम्बंधित लिंक==
{{mathura temple}}
+
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}
[[श्रेणी:कोश]]
+
[[Category:कोश]]
[[श्रेणी:मन्दिर]]
+
[[Category:मन्दिर]]
[[श्रेणी:दर्शनीय-स्थल कोश]]
+
[[Category:दर्शनीय-स्थल कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 +
__NOTOC__

१२:४८, २ नवम्बर २०१३ के समय का अवतरण

स्थानीय सूचना
चामुण्डा देवी मन्दिर

Chamunda-Devi-Temple-Mathura-1.jpg
मार्ग स्थिति: यह मन्दिर जयसिंह पुरा, वृन्दावन मार्ग, मथुरा में स्थित है।
आस-पास: गायत्री तपोभूमि, प्रेम महाविधालय, मेथोडिस्ट हस्पताल, बिरला मंदिर
पुरातत्व: निर्माणकाल- उन्नीसवीं शताब्दी
वास्तु: इसे मन्दिर को बनाने में लखोरी ईंट व चूने का इस्तेमाल किया गया है।
स्वामित्व:
प्रबन्धन:
स्त्रोत: इंटैक
अन्य लिंक:
अन्य:
सावधानियाँ:
मानचित्र:
अद्यतन: 2009

चामुण्डा देवी मन्दिर / Chamunda Devi Temple

मथुरा के उत्तर–पश्चिम दिशा में गायत्री तपोभूमि के सामने मथुरा–वृन्दावन रेलवे लाइन के निकट स्थित इस प्रसिद्ध मन्दिर की भारी मान्यता है। देवी भागवत के अनुसार सती के मृत शरीर को जब शंकर जी ले जा रहे थे। उस समय उनके केश जिस स्थान पर गिरे वही स्थान चामुण्डा के नाम से प्रसिद्ध है।

महर्षि शन्डिल

यह स्थान महर्षि शन्डिल साधना भूमि रही है तांत्रिक उपासक चामुण्डा को दस महाविद्याओं में छिन्न मस्ता का स्वरूप मानते हैं। सप्तशती के अनुसार चण्ड–मुण्ड असुरों को नष्ट करने वाली शक्ति चामुण्डा हैं। इस प्रकार चण्ड दैत्य संहारणी काली प्रतिमा को चामुण्डा कहा गया है।

वीथिका

टीका टिप्पणी और संदर्भ

सम्बंधित लिंक