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*[[जयपुर]] के महाराजा श्रीमाधोसिंह जी ने बहुत रूपये व्ययकर लगभग तीस वर्षो में इस भव्य मन्दिर का निर्माण किया था। | *[[जयपुर]] के महाराजा श्रीमाधोसिंह जी ने बहुत रूपये व्ययकर लगभग तीस वर्षो में इस भव्य मन्दिर का निर्माण किया था। | ||
*मूल मन्दिर में तीन द्वार हैं। | *मूल मन्दिर में तीन द्वार हैं। |
१०:१३, ११ जनवरी २०१० का अवतरण
जयपुर मन्दिर / Jaipur Temple
- जयपुर के महाराजा श्रीमाधोसिंह जी ने बहुत रूपये व्ययकर लगभग तीस वर्षो में इस भव्य मन्दिर का निर्माण किया था।
- मूल मन्दिर में तीन द्वार हैं।
- उत्तरी प्रकोष्ठ में श्रीआनन्दबिहारी जी, बीच के प्रकोष्ठ में श्रीराधामाधव जी तथा दक्षिणी प्रकोष्ठ में श्रीनित्य गोपालजी, श्रीगिरिधारी जी, श्रीसनक-सनातन-सनन्दन-सनत कुमार और श्रीनारदजी की मूर्तियाँ विराजमान हैं।
- सन 1916 ई0 में इस मन्दिर में विग्रहों की प्रतिष्ठा हुई थी।