"नंद" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
छो (Text replace - '[[category' to '[[Category')
पंक्ति १: पंक्ति १:
 
{{menu}}
 
{{menu}}
 
{{Incomplete}}
 
{{Incomplete}}
 +
==नंद / Nand==
 +
*[[मथुरा]] या मधुपुरी के आसपास [[गोकुल]] और [[नंदगांव]] में रहनेवाले आभीर गोपों के मुखिया थे।
 +
*इनकी पत्नी [[यशोदा]] ने बचपन में श्री[[कृष्ण]] को पाला था।  कृष्ण की बाललीला इन्हीं के यहां हुई। 
 +
*एक बार [[यमुना]] में स्नान करते समय इन्हें [[वरूण]] के गणों ने और एक बार अजगर ने पकड़ लिया था।  दोनों बार श्रीकृष्ण ने इन्हें बचाया। 
 +
*सती ने [[महामाया]] के रूप में इनके घर जन्म लिया जो [[कंस]] के पटकने पर हाथ से छूट गई थी।  कहते हैं, विन्ध्याचल में इसी देवी का निवास है।
 +
*नंद [[इन्द्र]] की पूजा का उत्सव मनाया करते थे।  श्रीकृष्ण ने इसे बंद करके कार्तिक मास में अन्नकूट का उत्सव आंरभ कराया।
 +
 
[[Category:कृष्ण]]
 
[[Category:कृष्ण]]
 
[[Category:पौराणिक कथा]]
 
[[Category:पौराणिक कथा]]
 
[[Category:कोश]]
 
[[Category:कोश]]
==नंद / Nand==
 
[[मथुरा]] या मधुपुरी के आसपास [[गोकुल]] और [[नंदगांव]] में रहनेवाले आभीर गोपों के मुखिया थे। इनकी पत्नी [[यशोदा]] ने बचपन में श्री[[कृष्ण]] को पाला था।  कृष्ण की बाललीला इन्हीं के यहां हुई।  एक बार [[यमुना]] में स्नान करते समय इन्हें [[वरूण]] के गणों ने और एक बार अजगर ने पकड़ लिया था।  दोनों बार श्रीकृष्ण ने इन्हें बचाया।  सती ने [[महामाया]] के रूप में इनके घर जन्म लिया जो [[कंस]] के पटकने पर हाथ से छूट गई थी।  कहते हैं, विन्ध्याचल में इसी देवी का निवास है। नंद [[इन्द्र]] की पूजा का उत्सव मनाया करते थे।  श्रीकृष्ण ने इसे बंद करके कार्तिक मास में अन्नकूट का उत्सव आंरभ कराया।
 
 
 
[[en:Nand]]
 
[[en:Nand]]
 +
__INDEX__

०९:१८, १ अप्रैल २०१० का अवतरण


Logo.jpg पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार कर सकते हैं। हिंदी (देवनागरी) टाइप की सुविधा संपादन पन्ने पर ही उसके नीचे उपलब्ध है।

नंद / Nand

  • मथुरा या मधुपुरी के आसपास गोकुल और नंदगांव में रहनेवाले आभीर गोपों के मुखिया थे।
  • इनकी पत्नी यशोदा ने बचपन में श्रीकृष्ण को पाला था। कृष्ण की बाललीला इन्हीं के यहां हुई।
  • एक बार यमुना में स्नान करते समय इन्हें वरूण के गणों ने और एक बार अजगर ने पकड़ लिया था। दोनों बार श्रीकृष्ण ने इन्हें बचाया।
  • सती ने महामाया के रूप में इनके घर जन्म लिया जो कंस के पटकने पर हाथ से छूट गई थी। कहते हैं, विन्ध्याचल में इसी देवी का निवास है।
  • नंद इन्द्र की पूजा का उत्सव मनाया करते थे। श्रीकृष्ण ने इसे बंद करके कार्तिक मास में अन्नकूट का उत्सव आंरभ कराया।