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पतञ्जलि योगसूत्र के रचनाकार है जो हिन्दुओं के छः दर्शनों ( न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा, वेदान्त) में से एक है । भारतीय साहित्य में पतञ्जलि के लिखे हुए 3 मुख्य ग्रन्थ मिलते हैः [[योगसूत्र]], [[अष्टाध्यायी]] पर भाष्य, और [[आयुर्वेद]] पर ग्रन्थ । कुछ विद्वानों का मत है कि ये तीनों ग्रन्थ एक ही व्यक्ति ने लिखे; अन्य की धारणा है कि ये विभिन्न व्यक्तियों की कृतियाँ हैं । पतञ्जलि ने [[पाणिनि]] के अष्टाध्यायी पर अपनी टीका लिखी जिसे महाभाष्य का नाम दिया । इनका काल कोई २०० ई पू माना जाता है ।
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पतञ्जलि योगसूत्र के रचनाकार है जो हिन्दुओं के छः दर्शनों ( न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा, वेदान्त) में से एक है । भारतीय साहित्य में पतञ्जलि के लिखे हुए 3 मुख्य ग्रन्थ मिलते हैः [[योगसूत्र]], [[अष्टाध्यायी]] पर भाष्य, और [[आयुर्वेद]] पर ग्रन्थ। कुछ विद्वानों का मत है कि ये तीनों ग्रन्थ एक ही व्यक्ति ने लिखे, अन्य की धारणा है कि ये विभिन्न व्यक्तियों की कृतियाँ हैं । पतञ्जलि ने [[पाणिनि]] के अष्टाध्यायी पर अपनी टीका लिखी जिसे महाभाष्य का नाम दिया । इनका काल कोई २०० ई पू माना जाता है ।
  
  
 
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०९:३३, १३ नवम्बर २००९ का अवतरण

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पतञ्जलि / Patanjali

पतञ्जलि योगसूत्र के रचनाकार है जो हिन्दुओं के छः दर्शनों ( न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा, वेदान्त) में से एक है । भारतीय साहित्य में पतञ्जलि के लिखे हुए 3 मुख्य ग्रन्थ मिलते हैः योगसूत्र, अष्टाध्यायी पर भाष्य, और आयुर्वेद पर ग्रन्थ। कुछ विद्वानों का मत है कि ये तीनों ग्रन्थ एक ही व्यक्ति ने लिखे, अन्य की धारणा है कि ये विभिन्न व्यक्तियों की कृतियाँ हैं । पतञ्जलि ने पाणिनि के अष्टाध्यायी पर अपनी टीका लिखी जिसे महाभाष्य का नाम दिया । इनका काल कोई २०० ई पू माना जाता है ।