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*गर्भोदशायी भगवान् पद्मनाभ के नाभिस्थल से निकली हुई कमल डण्डी से नि:सृत पद्म के ऊपर लोक पितामह [[ब्रह्मा|ब्रह्माजी]] का जन्म होता है और उन्ही की कृपा से वे वैराज ब्रह्मजी स्थूल-ब्राह्माण्ड की सृष्टि करते हैं। | *गर्भोदशायी भगवान् पद्मनाभ के नाभिस्थल से निकली हुई कमल डण्डी से नि:सृत पद्म के ऊपर लोक पितामह [[ब्रह्मा|ब्रह्माजी]] का जन्म होता है और उन्ही की कृपा से वे वैराज ब्रह्मजी स्थूल-ब्राह्माण्ड की सृष्टि करते हैं। | ||
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पद्मनाभजी का मन्दिर / Padmanabhji Temple
- मथुरा देवी मन्दिर से होकर पूर्व की ओर जाने पर भगवान् श्रीपद्मनाभ का चौबेया पाड़ा में मन्दिर है।
- गर्भोदशायी भगवान् पद्मनाभ के नाभिस्थल से निकली हुई कमल डण्डी से नि:सृत पद्म के ऊपर लोक पितामह ब्रह्माजी का जन्म होता है और उन्ही की कृपा से वे वैराज ब्रह्मजी स्थूल-ब्राह्माण्ड की सृष्टि करते हैं।