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==पालि भाषा / Pali Language==
 
==पालि भाषा / Pali Language==
एक प्राचीन भारतीय भाषा जिसमें मुख्यत: त्रिपिटिक (दे0) आदि बौद्ध धर्म-ग्रंन्थों की रचना हुई। यह किस क्षेत्र विशेष की भाषा थी, यह निश्चित नहीं है। किंतु इसके व्याकरण का ढांचा और प्रयुक्त शब्द देखकर इसे मध्यदेश की भाषा माना जाता है। त्रिपिटकों के बाद पालि भाषा में 'मिलिंद प्रश्न' नामक ग्रंथ लिखा गया।  पांचवी शताब्दी में आचार्य बुद्धघोष ने 'अट्ठ कथाओं' की रचना की। बाद में 'दीपवंश' और 'महावंश' ग्रंथ रचे गए जिनमें प्राचीन सिंहल (श्रीलंका) द्वीप का इतिहास वर्णित है।  आधुनिक काल में यह भाषा सामान्य व्यवहार में नहीं रह गई है,किंतु उच्च शिक्षा संस्थानों में इसके पठन-पाठन की व्यवस्था है।
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एक प्राचीन भारतीय भाषा जिसमें मुख्यत: त्रिपिटिक आदि बौद्ध धर्म-ग्रंन्थों की रचना हुई। यह किस क्षेत्र विशेष की भाषा थी, यह निश्चित नहीं है। किंतु इसके व्याकरण का ढांचा और प्रयुक्त शब्द देखकर इसे मध्यदेश की भाषा माना जाता है। त्रिपिटकों के बाद पालि भाषा में 'मिलिंद प्रश्न' नामक ग्रंथ लिखा गया।  पांचवी शताब्दी में आचार्य बुद्धघोष ने 'अट्ठ कथाओं' की रचना की। बाद में 'दीपवंश' और 'महावंश' ग्रंथ रचे गए जिनमें प्राचीन सिंहल (श्रीलंका) द्वीप का इतिहास वर्णित है।  आधुनिक काल में यह भाषा सामान्य व्यवहार में नहीं रह गई है,किंतु उच्च शिक्षा संस्थानों में इसके पठन-पाठन की व्यवस्था है।
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[[category:भाषा]] 
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[[श्रेणी: कोश]]

२३:१७, २२ सितम्बर २००९ का अवतरण



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पालि भाषा / Pali Language

एक प्राचीन भारतीय भाषा जिसमें मुख्यत: त्रिपिटिक आदि बौद्ध धर्म-ग्रंन्थों की रचना हुई। यह किस क्षेत्र विशेष की भाषा थी, यह निश्चित नहीं है। किंतु इसके व्याकरण का ढांचा और प्रयुक्त शब्द देखकर इसे मध्यदेश की भाषा माना जाता है। त्रिपिटकों के बाद पालि भाषा में 'मिलिंद प्रश्न' नामक ग्रंथ लिखा गया। पांचवी शताब्दी में आचार्य बुद्धघोष ने 'अट्ठ कथाओं' की रचना की। बाद में 'दीपवंश' और 'महावंश' ग्रंथ रचे गए जिनमें प्राचीन सिंहल (श्रीलंका) द्वीप का इतिहास वर्णित है। आधुनिक काल में यह भाषा सामान्य व्यवहार में नहीं रह गई है,किंतु उच्च शिक्षा संस्थानों में इसके पठन-पाठन की व्यवस्था है।