प्रयाग तीर्थ

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
Renu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित १०:०९, २९ सितम्बर २००९ का अवतरण
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ


प्रयाग तीर्थ

प्रयागनामतीर्थं तु देवानामपि दुर्ल्लभम् ।
तस्मिन् स्नातो नरो देवि ! अग्निष्टोमफलं लभेत ।।
यहाँ तीर्थराज प्रयाग भगवद् आराधना करते हैं । यहीं पर प्रयाग के वेणीमाधव नित्य अवस्थित रहते हैं । यहाँ स्नान करने वाले अग्निष्टोम आदि का फल प्राप्त कर वैकुण्ठ धाम को प्राप्त होते हैं ।