फतेहपुर सीकरी

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फतेहपुर सीकरी

फतेहपुर सीकरी आगरा, उ. प्र. से पश्चिमी दिशा में 26 मील की दूरी पर स्थित है । इसका निर्माण महान मुग़ल शासक अकबर के द्वारा कराया गया था । सीकरी में एक सूफ़ी सन्त शेख़ सलीम चिश्ती रहा करते थे । उनकी शोहरत सुनकर अकबर, एक पुत्र की कामना लेकर उनके पास पहुंचा और जब अकबर को बेटा हुआ तो अकबर ने उसका नाम सलीम रखा । सीकरी में जहां सलीम चिश्ती रहते थे उसी के पास अकबर ने सन 1571 में एक क़िला बनवाना शुरु किया । अकबर की कई रानियाँ और बेगम थीं ; किंतु उनमें से किसी से भी पुत्र नही हुआ था । अकबर पीरों एवं फकीरों से पुत्र प्राप्ति के लिए दुआएँ माँगता फिरता था । उस काल में सीकरी में शेख सलीम चिश्ती नामक एक फकीर रहते थे । उसने अकबर को दुआ दी दैवयोग से अकबर की बड़ी रानी जो कछवाहा राजा बिहारीमल की पुत्री और भगवानदास की बहिन थी, गर्भवती हो गई ; और उसने पुत्र को जन्म दिया । उसका नाम शेख के नाम पर सलीम रखा गया जो बाद में जहाँगीर के नाम से अकबर का उत्तराधिकारी हुआ । अकबर शेख से बहुत प्रभावित था । उसने अपनी राजधानी सीकरी में ही रखने का निश्चय किया । सन् 1571 में राजधानी का स्थानांतरण कर दिया गया । उसी साल अकबर ने गुजरात को फतह किया । इस कारण नई राजधानी का नाम फतहपुर सीकरी रखा गया । सन् 1584 तक लगभग 14 वर्ष तक फतहपुरसीकरी ही मुग़ल साम्राज्य की राजधानी रही । अकबर ने अनेक निर्माण कार्य कराये, जिससे वह आगरा के समान बड़ी नगरी बन गई थी । फतहपुर सीकरी समस्त देश की प्रशासनिक गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र थी । सन् 1584 में एक अंगरेज व्यापारी अकबर की राजधानी आया, उसने लिखा है − "आगरा और फतहपुर दोनों बड़े शहर हैं । उनमें से हर एक लंदन से बड़ा और अधिक जनसंकुल है । सारे भारत और ईरान के व्यापारी यहाँ रेशमी तथा दूसरे कपड़े, बहुमूल्य रत्न, लाल, हीरा और मोती बेचने के लिए लाते हैं ।"


संत शेख सलीम चिश्‍ती के सम्‍मान में सम्राट अकबर ने इस शहर की नींव रखी । कुछ वर्षों के अंदर सुयोजनाबद्ध प्रशासनिक, आवासीय और धार्मिक भवन अस्तित्‍व में आए । इस क़िले के भीतर पंचमहल है जो एक पाँच मंज़िला इमारत है और बौद्ध विहार शैली में बनी है । इसकी पांचवी मंज़िल से मीलों दूर तक का दृश्य दिखायी देता है । जामा मस्जिद संभवतः पहला भवन था, जो निर्मित किया गया । बुलंद दरवाजा लगभग 5 वर्ष बाद जोड़ा गया । अन्‍य महत्‍वपूर्ण भवनों में शेख सलीम चिश्‍ती की दरगाह, नौबत - उर - नक्‍कारखाना, टकसाल, कारखाना, खजाना, हकीम का घर, दीवान - ए - आम, मरियम का निवास, जिसे सुनहरा मकान भी कहते हैं, जोधाबाई का महल, बीरबल का निवास आदि शामिल हैं ।


भक्ति में अकबर ने बिना विचारे ही सीकरी को राजधानी बना दिया था । इस स्थान में पानी की बड़ी कमी थी, जिसको पूरा करने के लिए पहाड़ी पर बाँध बना कर एक झील बनाई गई थी । उसी का पानी राजधानी में आता था । अगस्त 1582 में बाँध टूट गया, जिससे पर्याप्त हानि हुई । 14 वर्ष तक सीकरी में राजधानी रखने पर अकबर ने अनुभव किया कि यह स्थान उपुयक्त नहीं है, अत: सन् 1584 में पुन: राजधानी आगरा बनाई गई । राजधानी के हटते ही फतहपुर सीकरी का ह्रास होने लगा आजकल वह एक छोटा सा कस्बा रह गया है ।