"मन्वन्तर" के अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
छो (Text replace - '{{menu}}<br />' to '{{menu}}') |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - " ।" to "।") |
||
(२ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के ५ अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
{{menu}} | {{menu}} | ||
− | {|style="background-color:#FFEBE1;border:1px solid #993300" cellspacing="5" align="right" | + | {|style="background-color:#FFEBE1;border:1px solid #993300; margin:10px" cellspacing="5" align="right" |
| | | | ||
<font color="#993300">'''अन्य सम्बंधित लिंक'''</font> | <font color="#993300">'''अन्य सम्बंधित लिंक'''</font> | ||
पंक्ति ९: | पंक्ति ९: | ||
*[[नक्षत्र ]] | *[[नक्षत्र ]] | ||
*[[संवत]] | *[[संवत]] | ||
− | *[[ | + | *[[मन्वन्तर]] |
|} | |} | ||
==मन्वंतर / Manvantar== | ==मन्वंतर / Manvantar== | ||
पंक्ति १६: | पंक्ति १६: | ||
#[[त्रेता युग]], | #[[त्रेता युग]], | ||
#[[द्वापर युग]],और | #[[द्वापर युग]],और | ||
− | #[[कलि युग]] का एक 'महायुग' माना जाता | + | #[[कलि युग]] का एक 'महायुग' माना जाता है। |
*71 महायुग मिलकर एक 'मन्वंतर' बनाता है। | *71 महायुग मिलकर एक 'मन्वंतर' बनाता है। | ||
− | *महायुग की अवधि 43 लाख 20 | + | *महायुग की अवधि 43 लाख 20 हज़ार वर्ष मानी गई है। |
*14 मन्वंतरों का एक '[[कल्प]]' होता है। | *14 मन्वंतरों का एक '[[कल्प]]' होता है। | ||
*प्रत्येक मन्वंतर में सृष्टि का एक मनु होता है और उसी के नाम पर उस मन्वंतर का नाम पड़ता है। | *प्रत्येक मन्वंतर में सृष्टि का एक मनु होता है और उसी के नाम पर उस मन्वंतर का नाम पड़ता है। | ||
− | *मानवीय गणना के अनुसार एक मन्वंतर में तीस करोड़ ,अड़सठ लाख , बीस | + | *मानवीय गणना के अनुसार एक मन्वंतर में तीस करोड़ ,अड़सठ लाख , बीस हज़ार वर्ष होते हैं। |
*[[पुराण|पुराणों]] में चौदह मन्वंतर इस प्रकार हैं- | *[[पुराण|पुराणों]] में चौदह मन्वंतर इस प्रकार हैं- | ||
#स्वायंभुव , | #स्वायंभुव , | ||
पंक्ति ३४: | पंक्ति ३४: | ||
#ब्रह्म सावर्णि, | #ब्रह्म सावर्णि, | ||
#धर्म सावर्णि, | #धर्म सावर्णि, | ||
− | # | + | #रुद्र सावर्णि, |
#रौच्य, | #रौच्य, | ||
#भौत्य। | #भौत्य। | ||
− | *इनमें से चाक्षुस तक के मन्वंतर बीत चुके | + | *इनमें से चाक्षुस तक के मन्वंतर बीत चुके हैं। |
− | *वैवस्वत इस समय चल रहा | + | *वैवस्वत इस समय चल रहा है। संकल्प आदि में इसी का नामोच्चार होता है। |
− | [[ | + | [[Category: कोश]] |
− | [[ | + | [[Category:विविध]] |
__INDEX__ | __INDEX__ |
१३:००, २ नवम्बर २०१३ के समय का अवतरण
अन्य सम्बंधित लिंक |
मन्वंतर / Manvantar
- सृष्टि की आयु का अनुमान लगाने के लिये चार युगों
- सत युग,
- त्रेता युग,
- द्वापर युग,और
- कलि युग का एक 'महायुग' माना जाता है।
- 71 महायुग मिलकर एक 'मन्वंतर' बनाता है।
- महायुग की अवधि 43 लाख 20 हज़ार वर्ष मानी गई है।
- 14 मन्वंतरों का एक 'कल्प' होता है।
- प्रत्येक मन्वंतर में सृष्टि का एक मनु होता है और उसी के नाम पर उस मन्वंतर का नाम पड़ता है।
- मानवीय गणना के अनुसार एक मन्वंतर में तीस करोड़ ,अड़सठ लाख , बीस हज़ार वर्ष होते हैं।
- पुराणों में चौदह मन्वंतर इस प्रकार हैं-
- स्वायंभुव ,
- स्वारोचिष,
- उत्तम ,
- तामस,
- रैवत,
- चाक्षुष,
- वैवस्वत,
- अर्क सावर्णि,
- दक्ष सावर्णि,
- ब्रह्म सावर्णि,
- धर्म सावर्णि,
- रुद्र सावर्णि,
- रौच्य,
- भौत्य।
- इनमें से चाक्षुस तक के मन्वंतर बीत चुके हैं।
- वैवस्वत इस समय चल रहा है। संकल्प आदि में इसी का नामोच्चार होता है।