"मरीचि" के अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
+ | {{menu}}<br /> | ||
'''मरीचि / Maarichi''' | '''मरीचि / Maarichi''' | ||
पंक्ति ६: | पंक्ति ७: | ||
मरीचि के अनुसार मानसिक व्याधि चार प्रकार की होती है- भोग्य,गोप्य,प्रत्यक्ष और अज्ञात । | मरीचि के अनुसार मानसिक व्याधि चार प्रकार की होती है- भोग्य,गोप्य,प्रत्यक्ष और अज्ञात । | ||
+ | |||
+ | |||
+ | |||
+ | [[श्रेणी: कोश]] | ||
+ | __INDEX__ |
११:०१, १३ नवम्बर २००९ का अवतरण
मरीचि / Maarichi
1. ब्रह्मा के दस मानास पुत्रों में से एक जिसकी उत्पाति उन्के नेत्र से हुई थी। यह दक्ष का दामाद और शंकर का साढू था। इसकी पत्नि दक्ष-कन्या संभूति थी। भागवत में पत्नियों के नाम कर्दम्कन्या कला और ऊर्णा मिलते हैं। दक्ष के यज्ञ में इसने भी शंकर का अपमान किया था। इस पर शंकर ने इसे भस्म कर डाला।
2. एक धर्मशास्त्रकार जिस्के मतों के उध्दारण विभिन्न प्राचिन ग्रंथो से मिलता हैं। अचल संम्पति के संबंध में मरिचि का कथन है यदि अचल संपत्त्ति किसी के हाथ बैचनी है,खरिदनी हैं ,दान मैं देनी है अथवा उसका बंटवारा होना हैं तो यह सारे कार्य मौखिक न होकर लिखित होने चाहिए । तभी ये कार्य नियमानुकुल हैं।
मरीचि के अनुसार मानसिक व्याधि चार प्रकार की होती है- भोग्य,गोप्य,प्रत्यक्ष और अज्ञात ।