महावन

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महावन / Mahavan

जिला मथुरा, उ0प्र में मथुरा के समीप, यमुना के दूसरे तट पर स्थित अति प्राचीन स्थान है जिसे बालकृष्ण की क्रीड़ास्थली माना जाता है। यहां अनेक छोटे-छोटे मंदिर हैं जो अधिक पुराने नहीं हैं। *व्रज के चौरासी वनों में महावन मुख्य था।

  • महावन को औरंगजेब के समय में उसकी धर्मांध नीति का शिकार बनना पड़ा था। इसके बाद,
  • 1757 ई0 में अफगान अहमदशाह अब्दाली ने जब मथुरा पर आक्रमण किया तो उसने महावन में सेना का शिविर बनाया। वह यहां ठहर कर गोकुल को नष्ट करना चाहता था। किंतु महावन के चार हजार नागा सन्यासियों ने उसकी सेना के 2000 सिपाहियों को मार डाला और स्वयं भी वीरगति को प्राप्त हुए। गोकुल पर होने वाले आक्रमण का इस प्रकार निराकरण हुआ और अब्दाली ने अपनी फौज वापस बला ली।

इसके पश्चात् महावन के शिविर में विशूचिका (हैजा) के प्रकोप से अब्दाली के अनेक सिपाही मर गए। अत: वह शीघ्र दिल्ली लौट गया किंतु जाते-जाते भी इस बर्बर आक्रांता ने मथुरा, वृन्दावन आदि स्थानों पर जो लूट मचाई और लोमहर्षक विध्वंस और रक्तपात किया वह इसके पूर्व कृत्यों के अनुकूल ही था।


महावन गोकुल से आगे २ किमी. दूर है । लोग इसे पुरानी गोकुल भी कहते हैं । यहाँ चौरासी खम्भों का मन्दिर, नन्देश्वर महादेव, मथुरा नाथ, द्वारिका नाथ आदि मन्दिर हैं।