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माँट / Manth
- मथुरा - नौहझील मार्ग पर माँट स्थित हैं ।
- यह स्थान श्री कृष्ण-बलराम गोपबालकों के साथ गाय चराने का स्थान था ।
- यहाँ पर पहले से ही दधि, दूध के बड़े-बड़े बर्तन बनते थे और छोटी मटकी बनती थी। यहाँ होकर सखियाँ दधि, दूध के माँट लेकर बेचने हेतु जाया करती थीं, रास्ते में पूर्व वरदान पूर्ति हेतु श्री कृष्ण दधि, दूध लुट कर खाते थे और किसी दिन किसी की और किसी दिन किसी की मटकी गिरा देते थे ।
- इन उपरोक्त दोनों कारणों से इस स्थान का नाम माँट पड़ा । एक पुरानी कहावत भी है----
धनि-धनि माँट गांव के चोर ।
वृन्दावन कूँ ऐसे देखे जैसे चन्द्र चकोर॥