माँट

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
Ashwani Bhatia (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित १०:४३, ५ जनवरी २०१० का अवतरण (Text replace - '{{menu}}<br />' to '{{menu}}')
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ


Logo.jpg पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार कर सकते हैं। हिंदी (देवनागरी) टाइप की सुविधा संपादन पन्ने पर ही उसके नीचे उपलब्ध है।

माँट / Manth

मथुरा - नौहझील मार्ग पर माँट स्थित हैं । यह स्थान श्री कृष्ण-बलराम गोपवालकों के साथ गाय चराने का स्थान था । यहाँ पर पहले से ही दधि, दुध के बड़े-बड़े बर्तन बनते थे और छोटी मटकी बनती थी जिन्हें मटकी कहते थे । यहाँ होकर सखियाँ दधि, दुध के माँट लेकर बेचने हेतु जाया करती थीं, रास्ते में पूर्व वरदान पूर्ति हेतु श्री कृष्ण दधि, दुध लुट कर खाते थे और किसी दिन किसी की और किसी दिन किसी की मटकी गिरा देते थे । इन उपरोक्त दोनों कारणों से इस स्थान का नाम माँट पड़ा । एक पुरानी कहावत भी है---- धनि-धनि माँट गांव के चोर । वृन्दावन कूँ ऐसे देखे जैसे चन्द्र चकोर ॥ गांव में श्री दाऊजी, श्री महादेव जी का मन्दिर एंव प्रसिद्ध श्री वैरुआ बाबा (देवराहा बाबा) का आश्रम दर्शनीय हैं ।