मौनी अमावस्या
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मौनी अमावस्या
माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। इस दिन मौन रहना चाहिए। मुनि शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है। इसलिए इस व्रत को मौन धारण करके समापन करने वाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है। इस दिन मौन रहकर गंगा स्नान करना चाहिए। यदि यह अमावस्या सोमवार के दिन हो तो इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। माघ मास के स्नान का सबसे अधिक महत्वपूर्ण पर्व अमावस्या ही है। माघ मास की अमावस्या और पूर्णिमा दोनों ही तिथियां पर्व हैं। इन दिनों में पृथ्वी के किसी-न-किसी भाग में सूर्य या चंद्रमा को ग्रहण हो सकता है। ऐसा विचार कर धर्मज्ञ-मनुष्य प्रत्येक अमावस्या और पूर्णिमा को स्नान दानादि पुण्य कर्म किया करते हैं।