"रूप सनातन गौड़ीय मठ" के अवतरणों में अंतर

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==श्री रूपसनातन गौड़ीय मठ / Shri Roopsanatan Godia Math==
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==श्री रूप सनातन गौड़ीय मठ / Shri Roopsanatan Godia Math==
===श्रीविनोद कुंज / Shri Vinod Kunj===
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===श्री विनोद कुंज / Shri Vinod Kunj===
 
*श्रीधाम वृन्दावन के हृदय-स्थल श्री[[सेवाकुंज]] के सन्निकट दान गली में मठ अवस्थित है, श्रीरूप-सनातन गौड़ीय मठ वर्तमान समय में एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थान है।   
 
*श्रीधाम वृन्दावन के हृदय-स्थल श्री[[सेवाकुंज]] के सन्निकट दान गली में मठ अवस्थित है, श्रीरूप-सनातन गौड़ीय मठ वर्तमान समय में एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थान है।   
 
*प्रेम पुरूषोत्तम करूणावरूणालय श्री[[चैतन्य महाप्रभु]] ने श्री[[रूप गोस्वामी]] और श्री[[सनातन गोस्वामी]] दोनों भाईयों को  
 
*प्रेम पुरूषोत्तम करूणावरूणालय श्री[[चैतन्य महाप्रभु]] ने श्री[[रूप गोस्वामी]] और श्री[[सनातन गोस्वामी]] दोनों भाईयों को  

०९:११, ७ सितम्बर २००९ का अवतरण


अन्य सम्बंधित लिंक


श्री रूप सनातन गौड़ीय मठ / Shri Roopsanatan Godia Math

श्री विनोद कुंज / Shri Vinod Kunj

  1. श्रीवृन्दावनधामकी लुप्त लीलास्थलियों को प्रकाश करने के लिए,
  2. श्रीविग्रह-प्रकाश,
  3. भक्ति-ग्रन्थ प्रणयन,
  4. वैष्णव सदाचार (स्मृति) प्रकाश करने के लिए श्रीवृन्दावन में भेजा था।
  • श्रीमन्महाप्रभु की अहैतु की कृपा और प्रेरणा से श्रीरूप-सनातन गोस्वमियों ने यथाक्रम से श्रीगोविन्द देव जी एवं श्रीमदनमोहन को प्रकाश किया, लुप्त तीर्थो का उद्धार किया, बृहद्भागवतामृत, लघुभागवतामृत, भक्तिरसामृतसिन्धु, उज्ज्वलनीलमणि और हरिभक्तिविलास रूप वैष्णव-स्मृति आदि ग्रन्थों को प्रकाश किया।
  • श्रीमन्महाप्रभु के मनोभीष्ट संस्थापक श्रीरूप गोस्वामी एवं श्रीसनातन गोस्वामी की स्मृति रक्षा के लिए श्रीगौड़ीय वेदान्त समिति के प्रतिष्ठाता नित्यलीला प्रविष्ट ॐ विष्णुपाद 108 श्रीश्रीमद्भक्तिप्रज्ञान केशव गोस्वामी महाराजजी की प्रेरणा से श्रीगौड़ीय वेदान्त समिति के सदस्यवृन्द की ओर से श्रीश्रीमद्भक्तिवेदान्त वामन महाराज एवं श्रीश्रीमद्भक्तिवेदान्त नारायण महाराज द्वारा यह मठ प्रकाशित हुआ।
  • इस मठका एक विशेष वैशिष्ट्य यह है कि – गर्भमन्दिर के तीन प्रकोष्ठ में से एक में श्रीवृन्दादेवी का दर्शन, श्रीगौरसुन्दर श्रीश्रीराधाविनोदविहारी जी एवं अस्मदीय गुरूपादपद्म जगद्गुरू श्रीलभक्तिप्रज्ञान केशव गोस्वामी महाराज के दर्शन हैं। आजकल केवल काम्यवन में ही श्रीमती वृन्दादेवी का श्रीविग्रह है।

साँचा:Vrindavan temple