"वत्स" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
छो (Text replace - 'जिले' to 'ज़िले')
पंक्ति ३: पंक्ति ३:
 
==वत्स / वंश / [[:en:Vatsa|Vatsa]] / Vamsa==
 
==वत्स / वंश / [[:en:Vatsa|Vatsa]] / Vamsa==
 
[[चित्र:Vatsa-Map.jpg|thumb|300px|left|वत्स महाजनपद<br /> Vatsa Great Realm]]
 
[[चित्र:Vatsa-Map.jpg|thumb|300px|left|वत्स महाजनपद<br /> Vatsa Great Realm]]
पौराणिक 16 [[महाजनपद|महाजनपदों]] में से एक है। आधुनिक [[उत्तर प्रदेश]] के [[इलाहाबाद]] तथा मिर्ज़ापुर जिले इसके अर्न्तगत आते थे। इस जनपद  की राजधानी [[कौशांबी]] (जिला इलाहाबाद उत्तर प्रदेश) थी। ओल्डनबर्ग के अनुसार [[ऐतरेय ब्राह्मण]] में जिन वंश के लोगों का उल्लेख है वे इसी देश के निवासी थे। कौशांबी में जनपद की राजधानी प्रथम बार [[पांडव|पांडवों]] के वंशज निचक्षु ने बनाई थी। वत्स देश का नामोल्ल्लेख [[वाल्मीकि रामायण]] में भी है<ref>’स लोकपालप्रतिप्रभावस्तीर्त्वा महात्मा वरदो महानदीम्, तत: समृद्धाञ्छुभसस्यमालिन: क्षणेन वत्सान्मुदितानुपागमत्’, अयोध्याकाण्ड 52,101</ref> कि लोकपालों के समान प्रभाव वाले [[राम]] चन्द्र वन जाते समय महानदी [[गंगा]] को पार करके शीघ्र ही धनधान्य से समृद्ध और प्रसन्न वत्स देश में पहुँचे। इस उद्धरण से सिद्ध होता है कि [[रामायण]]-काल में गंगा नदी वत्स और [[कोशल|कोसल]] जनपदों की सीमा पर बहती थी। <br />
+
पौराणिक 16 [[महाजनपद|महाजनपदों]] में से एक है। आधुनिक [[उत्तर प्रदेश]] के [[इलाहाबाद]] तथा मिर्ज़ापुर ज़िले इसके अर्न्तगत आते थे। इस जनपद  की राजधानी [[कौशांबी]] (जिला इलाहाबाद उत्तर प्रदेश) थी। ओल्डनबर्ग के अनुसार [[ऐतरेय ब्राह्मण]] में जिन वंश के लोगों का उल्लेख है वे इसी देश के निवासी थे। कौशांबी में जनपद की राजधानी प्रथम बार [[पांडव|पांडवों]] के वंशज निचक्षु ने बनाई थी। वत्स देश का नामोल्ल्लेख [[वाल्मीकि रामायण]] में भी है<ref>’स लोकपालप्रतिप्रभावस्तीर्त्वा महात्मा वरदो महानदीम्, तत: समृद्धाञ्छुभसस्यमालिन: क्षणेन वत्सान्मुदितानुपागमत्’, अयोध्याकाण्ड 52,101</ref> कि लोकपालों के समान प्रभाव वाले [[राम]] चन्द्र वन जाते समय महानदी [[गंगा]] को पार करके शीघ्र ही धनधान्य से समृद्ध और प्रसन्न वत्स देश में पहुँचे। इस उद्धरण से सिद्ध होता है कि [[रामायण]]-काल में गंगा नदी वत्स और [[कोशल|कोसल]] जनपदों की सीमा पर बहती थी। <br />
 
----
 
----
 
*[[गौतम बुद्ध]] के समय वत्स देश का राजा उदयन था जिसने [[अवंती]]-नरेश चंडप्रद्योत की पुत्री [[वासवदत्ता]] से विवाह किया था। इस समय कौशांबी की गणना उत्तरी भारत के महान नगरों में की जाती थी। [[अंगुत्तरनिकाय]] के [[महाजनपद|सोलह जनपदों]] में वत्स देश की भी गिनती की गई है। वत्स देश के लावाणक नामक ग्राम का उल्लेख भास विरचित [[स्वप्नवासवदत्ता]] नाटक के प्रथम अंक में है<ref>’ब्रह्मचारी भो: श्रूयताम्। राजगृहतोऽस्मि। श्रुतिविशेषणार्थं वत्सभूमौ लावाणकं नाम ग्रामस्तत्रौषितवानस्मि’</ref><br />  
 
*[[गौतम बुद्ध]] के समय वत्स देश का राजा उदयन था जिसने [[अवंती]]-नरेश चंडप्रद्योत की पुत्री [[वासवदत्ता]] से विवाह किया था। इस समय कौशांबी की गणना उत्तरी भारत के महान नगरों में की जाती थी। [[अंगुत्तरनिकाय]] के [[महाजनपद|सोलह जनपदों]] में वत्स देश की भी गिनती की गई है। वत्स देश के लावाणक नामक ग्राम का उल्लेख भास विरचित [[स्वप्नवासवदत्ता]] नाटक के प्रथम अंक में है<ref>’ब्रह्मचारी भो: श्रूयताम्। राजगृहतोऽस्मि। श्रुतिविशेषणार्थं वत्सभूमौ लावाणकं नाम ग्रामस्तत्रौषितवानस्मि’</ref><br />  

०९:५९, १३ फ़रवरी २०१० का अवतरण

<sidebar>

  • सुस्वागतम्
    • mainpage|मुखपृष्ठ
    • ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
      विशेष:Contact|संपर्क
    • समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
  • SEARCH
  • LANGUAGES

__NORICHEDITOR__

  • पौराणिक महाजनपद
    • अंग|अंग
    • अवंती|अवंति
    • अश्मक|अश्मक
    • कंबोज|कंबोज
    • वाराणसी|काशी
    • कुरुदेश|कुरु
    • कौशल|कोशल
    • गांधार|गांधार
    • चेदि|चेदि
    • पंचाल|पंचाल
    • मगध|मगध
    • मत्स्य|मत्स्य
    • मल्ल|मल्ल
    • वृज्जि|वज्जि
    • वत्स|वत्स
    • शूरसेन|शूरसेन

</sidebar>

वत्स / वंश / Vatsa / Vamsa

वत्स महाजनपद
Vatsa Great Realm

पौराणिक 16 महाजनपदों में से एक है। आधुनिक उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद तथा मिर्ज़ापुर ज़िले इसके अर्न्तगत आते थे। इस जनपद की राजधानी कौशांबी (जिला इलाहाबाद उत्तर प्रदेश) थी। ओल्डनबर्ग के अनुसार ऐतरेय ब्राह्मण में जिन वंश के लोगों का उल्लेख है वे इसी देश के निवासी थे। कौशांबी में जनपद की राजधानी प्रथम बार पांडवों के वंशज निचक्षु ने बनाई थी। वत्स देश का नामोल्ल्लेख वाल्मीकि रामायण में भी है[१] कि लोकपालों के समान प्रभाव वाले राम चन्द्र वन जाते समय महानदी गंगा को पार करके शीघ्र ही धनधान्य से समृद्ध और प्रसन्न वत्स देश में पहुँचे। इस उद्धरण से सिद्ध होता है कि रामायण-काल में गंगा नदी वत्स और कोसल जनपदों की सीमा पर बहती थी।


  • गौतम बुद्ध के समय वत्स देश का राजा उदयन था जिसने अवंती-नरेश चंडप्रद्योत की पुत्री वासवदत्ता से विवाह किया था। इस समय कौशांबी की गणना उत्तरी भारत के महान नगरों में की जाती थी। अंगुत्तरनिकाय के सोलह जनपदों में वत्स देश की भी गिनती की गई है। वत्स देश के लावाणक नामक ग्राम का उल्लेख भास विरचित स्वप्नवासवदत्ता नाटक के प्रथम अंक में है[२]
  • षष्ठ अंक में राजा उदयन के निम्न कथन से सूचित होता है कि वत्स राज्य पर अपना अधिकार स्थापित करने में उदयन को महासेन अथवा चंडप्रद्योत से सहायता मिली थी[३]
  • महाभारत[४] के अनुसार भीम सेन ने पूर्व दिशा की दिग्विजय के प्रसंग में वत्स भूमि पर विजय प्राप्त की थी[५]

टीका-टिप्पणी

  1. ’स लोकपालप्रतिप्रभावस्तीर्त्वा महात्मा वरदो महानदीम्, तत: समृद्धाञ्छुभसस्यमालिन: क्षणेन वत्सान्मुदितानुपागमत्’, अयोध्याकाण्ड 52,101
  2. ’ब्रह्मचारी भो: श्रूयताम्। राजगृहतोऽस्मि। श्रुतिविशेषणार्थं वत्सभूमौ लावाणकं नाम ग्रामस्तत्रौषितवानस्मि’
  3. ’ननु यदुचितान् वत्सान् प्राप्तुं नृपोऽत्र हि कारणम्’
  4. महाभारत, सभापर्व 30,10
  5. ’सामधेयांश्च निर्जित्य प्रययावुत्तरामुख:, वत्सभूमि च कौन्तेयो विजिग्ये बलवान् बलात्’