"संघाराम" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
छो (Text replace - '[[category' to '[[Category')
 
(२ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के २ अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति १: पंक्ति १:
{{menu}}<br />
+
{{menu}}
 
==संघाराम / Sangharama==
 
==संघाराम / Sangharama==
  
 
प्राचीनकाल में [[बौद्ध]] भिक्षुओं के संघ जिन मठों, विहारों या उद्यानों में विश्राम करते उसे संघाराम ही कहा जाता था। [[नालंदा विश्वविद्यालय]] का संघाराम तत्कालीन भारत का सबसे विशाल संघाराम था ऐसा छठी सदी में भारत आए चीनी यात्री [[हुएन-सांग|ह्वेनसांग]] के यात्रावर्णन में उल्लेख है। ह्वेन साँग जब [[मथुरा]] जनपद पहुँचा था तो उस समय यहाँ [[बौद्ध धर्म]] अपने विकास की चरम सीमा पर था। उसने लिखा है कि यहाँ 20 से भी अधिक संघाराम थे, जिनमें लगभग तीन सहस्र से अधिक भिक्षु रहा करते थे। मथुरा के संघाराम भी प्रसिद्ध थे और प्रायः सभी प्रसिद्ध विदेशी वृत्तांतों में इनका उल्लेख है।
 
प्राचीनकाल में [[बौद्ध]] भिक्षुओं के संघ जिन मठों, विहारों या उद्यानों में विश्राम करते उसे संघाराम ही कहा जाता था। [[नालंदा विश्वविद्यालय]] का संघाराम तत्कालीन भारत का सबसे विशाल संघाराम था ऐसा छठी सदी में भारत आए चीनी यात्री [[हुएन-सांग|ह्वेनसांग]] के यात्रावर्णन में उल्लेख है। ह्वेन साँग जब [[मथुरा]] जनपद पहुँचा था तो उस समय यहाँ [[बौद्ध धर्म]] अपने विकास की चरम सीमा पर था। उसने लिखा है कि यहाँ 20 से भी अधिक संघाराम थे, जिनमें लगभग तीन सहस्र से अधिक भिक्षु रहा करते थे। मथुरा के संघाराम भी प्रसिद्ध थे और प्रायः सभी प्रसिद्ध विदेशी वृत्तांतों में इनका उल्लेख है।
  
[[श्रेणी: कोश]]
+
[[Category: कोश]]
[[category:बौद्ध]]
+
[[Category:बौद्ध]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

०४:४३, ५ मार्च २०१० के समय का अवतरण

संघाराम / Sangharama

प्राचीनकाल में बौद्ध भिक्षुओं के संघ जिन मठों, विहारों या उद्यानों में विश्राम करते उसे संघाराम ही कहा जाता था। नालंदा विश्वविद्यालय का संघाराम तत्कालीन भारत का सबसे विशाल संघाराम था ऐसा छठी सदी में भारत आए चीनी यात्री ह्वेनसांग के यात्रावर्णन में उल्लेख है। ह्वेन साँग जब मथुरा जनपद पहुँचा था तो उस समय यहाँ बौद्ध धर्म अपने विकास की चरम सीमा पर था। उसने लिखा है कि यहाँ 20 से भी अधिक संघाराम थे, जिनमें लगभग तीन सहस्र से अधिक भिक्षु रहा करते थे। मथुरा के संघाराम भी प्रसिद्ध थे और प्रायः सभी प्रसिद्ध विदेशी वृत्तांतों में इनका उल्लेख है।