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इसका वर्त्तमान नाम [[स्वामी घाट]] है । किसी–किसी का कहना है कि महाराज [[वसुदेव]] ने नवजात शिशु [[कृष्ण]] को गोदी में लेकर यहीं से [[यमुना]] पार की थी । यहाँ स्नान करने पर भगवद् धाम की प्राप्ति होती है । | इसका वर्त्तमान नाम [[स्वामी घाट]] है । किसी–किसी का कहना है कि महाराज [[वसुदेव]] ने नवजात शिशु [[कृष्ण]] को गोदी में लेकर यहीं से [[यमुना]] पार की थी । यहाँ स्नान करने पर भगवद् धाम की प्राप्ति होती है । | ||
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१२:३१, ४ अक्टूबर २००९ का अवतरण
संयमन तीर्थ / Sanyman Tirth
तत: संयमनं नाम तीर्थं त्रैलोक्यविश्रुतम् ।
तत्र स्नातो नरो देवि ! मम लोकं स गच्छति ।।
इसका वर्त्तमान नाम स्वामी घाट है । किसी–किसी का कहना है कि महाराज वसुदेव ने नवजात शिशु कृष्ण को गोदी में लेकर यहीं से यमुना पार की थी । यहाँ स्नान करने पर भगवद् धाम की प्राप्ति होती है ।
साँचा:यमुना के घाट